घर का सामान तो हम सभी लाते हैं. इसके लिए हम सभी अपने दुकानदारों पर या स्टोर से सामान लाते हैं उन पर पूरा विश्वास करते हैं. हमें पता होता है कि वो हमें ग़लत सामान नहीं देंगे. हमारे इस विश्वास को बनाए रखने के लिए दुकानदार भी काफ़ी मेहनत करते हैं. क्योंकि कुछ व्यापारी ऐसे होते हैं, जो अच्छी चीज़ों में ख़राब चीज़ों को मिलाकर बेच देते हैं और उन्हें या हमें पता भी नहीं चलता है.
इसलिए अगर ऐसे चालाक व्यापारियों की चालाकी का शिकार नहीं होना चाहते हैं, तो एक बार इन बातों पर नज़र डाल लीजिए.
1. किसी सामान को ख़ुद से लेने से अच्छा, उसे शॉपकीपर से पूछकर लें. अगर वो झूठ भी बोलेगा तो बातों से समझ आ जाता है, उस सामान को न लें, उसके अगले स्टॉक के बारे में पता कर लें.
2. प्रोडक्ट्स पर लिखी इंफ़ॉर्मेशन को अच्छे से पढ़ें. जितना हो सके लोकल बने प्रोडक्ट ही लें क्योंकि जिन प्रोडक्ट्स की मैन्यफ़ैक्चरिंग दूसरे राज्य या शहर की होती है उन्हें आने में काफ़ी समय लगता है इससे प्रोडक्ट के टेसट पर असर पड़ता है.
3. जिन प्रोडक्ट की रीपैकेजिंग की गई हो उन्हें ख़रीदने से बचे. ऐसे प्रोडक्ट या तो एक्सपायर हो चुके होते हैं या होने वाले होते हैं.
4. जब भी ख़रीददारी करने जाएं, तो समय ले कर जाएं. जल्दबाज़ी में सिर्फ़ शॉपकीपर के कहने पर सामान न ख़रीदें. समय लगाएं और अच्छे से देखकर लें.
5. कभी भी खाने की चीज़ें रंग देखकर न ख़रीदें. ज़्यादा ब्राइट कलर वाली चीज़ें अक्सर नकली होती हैं.
6. सामान ख़रीदने में आलस न दिखाएं कि एक जगह देखा और ले लिया. अगर मॉल गए हैं, तो अच्छे से पूरा चेक करिए फिर जो बेहतर वो लीजिए.
7. पैकेट्स पर लिखी सभी बातों को अच्छे से पढ़ें. सिर्फ़ पैकेट देखकर सामान न ख़रीद लें.
8. रेडीमेड सलाद में अक्सर विक्रेता अदरक और पुरानी सब्ज़ियां ज़्यादातर मिला देते हैं. इसलिए थोड़ा देखकर लें. इसके अलावा म्योनीज़ वाला सलाद लेने की बजाय ऑयल वाला लें, वो ज़्यादा हेल्दी होता है और देर तक चलता है.
9. किसी प्रो़डक्ट का नाम अगर आपकी समझ से परे है तो उसे न लेना ही समझदारी है क्योंकि इस तरह के कठिन नाम कस्टमर को कंफ़्यूज़ करने के लिए रखे जाते हैं. इसलिए जितना हो सके वही प्रोडक्ट लें, जो आपको समझ आए.
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