आज के दौर में ज़्यादातर लोग साफ़-सफ़ाई को लेकर जागरूक हो गए हैं. बार-बार हाथ धोने, नहाने के साथ-साथ घर को भी साफ़-सुथरा रखते हैं. बीमारी से बचना है, तो ये ज़रूरी भी है. मगर क्या इतना सब करने से हम पूरी तरह बीमारियों से सुरक्षित हो जाते हैं? शायद नहीं. 

इसके पीछे वजह हमारे आसपास मौजूद लाखों-करोड़ों बैक्टीरिया हैं. ख़ासतौर से उन चीज़ों पर ये जल्दी पनपते हैं, जिनका हम हर रोज़ इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में आज हम घरों पर रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली उन चीज़ों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके ज़रिए बैक्टीरिया हम तक आसानी से पहुंच सकते हैं.

1. तौलिया

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सिर्फ इसलिए कि आप इसका इस्तेमाल तब करते हैं जब आपके हाथ साफ होते हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि आपका तौलिया साफ़ है. गीली तौलिया को जहां रखा जाता है, वहां सबसे ज़्यादा बैक्टीरिया पनपते हैं. ये बैक्टीरिया घंटों तक इसके साथ चिपके रह सकते हैं और आसानी से हमें संक्रमित कर सकते हैं. इसलिए हमेशा दो-तीन बार इस्तेमाल करने के बाद तौलिया को धो लेना चाहिए. साथ ही, तौलिया दूसरों के साथ शेयर नहीं करना चाहिए.

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2. टूथब्रश

शरीर में सबसे ज़्यादा बैक्टीरिया मुंह में होते हैं. ज़ाहिर है कि फिर हमारे टूथब्रश में कभी कम बैक्टीरिया नहीं होंगे. ये तब और बढ़ जाते हैं, जब इन्हें हम बॉथरूम में रखते हैं क्योंकि नम माहौल में ज़्यादा बैक्टीरिया पनपते हैं. बैक्टीरिया को रोकने के लिए आप अपने टूथब्रश को अच्छे से धोएं और फिर सीधा खड़ाकर सुखा लें. उसके ब्रिसिल्स को कवर करके रखें. पूरे परिवार के टूथब्रश एक ही जगह पर न रखें. साथ ही, हर तीन-चार महीने में टूथब्रश बदल लें.


3. वॉशबेसिन का नल

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हम जहां हाथ साफ़ करने जाते हैं, वहीं बैक्टीरिया की चपेट में भी आ जाते हैं. दरअसल, नॉनट्यूबरकुलस माइकोबैक्टीरिया (एनटीएम) नाम का एक बैक्टीरिया नल के ऊपर देखा जाता है. एनटीएम की 150 से ज़्यादा प्रजातियां हैं. इनमें से ज़्यादातर नुकसानदेह नही हैं, लेकिन कुछ हमारे फेफड़ों के गंभीर संक्रमण का कारण बन सकती हैं. ख़ासतौर से ये हमारी इम्युनिटी को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में इसे साफ़ करने के लिए डिसइंफेक्टेंट स्प्रे का इस्तेमाल रोज़ाना करना चाहिए. इसके असावा सिट्रिक ऐसिड और विनेगर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

4. फ़्रिज

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भले ही आपका फ़्रिज साफ़ दिखे, लेकिन उसमें बहुत सारे बैक्टीरिया हो सकते हैं. स्पिल्स शेल्फ़ की दरारों और ट्रे में ये ख़ासतौर से पनपते हैं. ये इसलिए भी ख़तरनाक है क्योंकि आप अपना खाना भी इसमें स्टोर करते हैं. ऐसे ये सीधे आपके पेट में ही जाएंगे. ऐसे में गर्म पानी और साबुन से फ़्रिज को अच्छे से साफ़ करना चाहिए. साथ ही, ज़्यादा दिनों तक खाने को उसमें नहीं पड़े रहने देना चाहिए. 

5. बेड शीट

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आपके बेडरूम की चादर में भी काफ़ी बैक्टीरिया पनपते हैं. ये दिखाई नहीं देते, लेकिन आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं. अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, इन बैक्टीरिया से इम्युनिटी कमज़ोर होती है, जिससे नाक बहना और आंखों से पानी आने से लेकर लगातार खांसी, जकड़न और यहां तक ​​कि अस्थमा भी हो सकता है. इससे बचने के लिए हर हफ़्ते गर्म पानी से अपनी चादर धोएं और घर में आद्रता का स्तर 50 फ़ीसदी से कम बनाए रखने की कोशिश करें.

6. चॉपिंग बोर्ड 

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चॉपिंग बोर्ड में भी ढेर सारे बैक्टीरिया पनपते हैं. इसलिए इनकी सफाई का भी अलग से ध्यान रखना ज़रूरी है. इन्हें लगातार साफ़ करने की ज़रूरत होती है. चॉपिंग बोर्ड को साफ़ करने के लिए विनेगर या ब्लीज का इस्तेमाल करें. 

7. किचन स्पंज

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चॉपिंग बोर्ड की तरह किचन स्पंज में भी बैक्टीरिया चिपके होते हैं. सिर्फ़ धो देने भर से किचन स्पंज साफ़ नहीं हो जाता. स्पंज को साफ़ करने के लिए पांच मिनट तक उबलते पानी में रखना चाहिए.

8. वॉशिंग मशीन

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जिस वॉशिंग मशीन का हम गंदे कपड़ों को साफ़ करने के लिए इस्तेमाल करते हैं, उसमें भी बड़ी संख्या में बैक्टीरिया होते हैं. ख़ासतौर से मशीन के अंदर तेज़ी से बैक्टीरिया पनपते हैं क्योंकि हम वहां साफ़-सफ़ाई पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते. बता दें, वॉशिंग मशीन को विनेगर और ब्लीच से Disinfect किया जा सकता है. 

9. कीबोर्ड और रिमोट कंट्रोल

इन दोनों का ही हम काफ़ी इस्तेमाल करते हैं. बार-बार हमारा हाथ इन पर पड़ता है. ऐसे में यहां बैक्टीरिया जम जाते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक टेलीविजन रिमोट पर प्रति वर्ग इंच में 70 बैक्टीरिया होते हैं. हाथ के ज़रिए ये हमारे शरीर में जाकर गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं. ऐसे में इन्हें रोज़ाना साफ़ करने की ज़रूरत होती है. 

10. वैक्यूम क्लीनर

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वैक्यूम क्लीनर से भले ही हम घर साफ़ करते हों, लेकिन इसमें भी बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं. जिसके चलते एलर्जी और सांस लेने में परेशानी हो सकती है. ऐसे में इसे साफ़ करते रहने की सख़्त ज़रूरत होती है. साथ ही, इसे इस्तेमाल करते वक़्त मास्क पहन लेना चाहिए.