ग्वालियर(Gwalior) भारत का एक ऐतिहासिक शहर है. यहां तोमर, मुग़ल, मराठा और सिंधिया जैसे शाही परिवारों का राज रहा है. शहर में कई ऐतिहासिक क़िले, महल, म्यूज़ियम और हवेलियां हैं जो इसकी शान हैं. ग्वालियर ही नहीं इसके आस-पास भी देखने लायक बहुत कुछ है जो इसे बेस्ट टूरिस्ट प्लेस बनाते हैं. 


चलिए आज जानते हैं ग्वालियर के नजदीक बसे कुछ बेस्ट टूरिस्ट प्लेस में जहां आप इस शहर के दर्शन करने के साथ ही उन्हें भी देखने का सुनहरा अवसर पा सकते हैं.

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1. बटेश्वर मंदिर 

ये मंदिर ग्वालियर 1 घंटे की दूरी पर स्थित हैं. यहां क़रीब 200 बलुआ पत्थर से बने छोटे बड़े मंदिर हैं. मध्य प्रदेश के पुरातत्व विभाग के अनुसार, मंदिरों का ये समूह गुर्जरा-प्रतिहार वंश के शासनकाल के दौरान बनाया गया था. माना जाता है कि ये सभी मंदिर भगवान शिव, विष्णु और मां शक्ति को समर्पित है. यहां सबसे बड़ा मंदिर भगवान शिव का है. इस शिव मंदिर को भूतेश्वर के नाम से जानते है. इन मंदिरों के समूह को बटेश्वार मंदिर या बटेसरा मंदिर स्थल भी कहा जाता है.

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2. पडावली क़िला 

बटेश्वर के राजसी मंदिरों को देखने के बाद पडावली के क़िले का रुख कर सकते हैं. ये बटेश्वर मंदिर से 10 मिनट की दूरी पर बना है. यहां 10वीं शताब्दी में बना शिव का पुराना मंदिर भी है. इसकी नक्काशी और वास्तुकला देखने लायक है. इसे भी मध्य प्रदेश के पुरातत्व विभाग ने जीर्णोद्धार किया है.

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3. मितावली का चौसठ योगिनी मंदिर 

चौसठ योगिनी मंदिर ग्वालियर से लगभग 40 किलोमीटर दूर बसे मितावली गांव में है. ये संभवत: भारत का एकमात्र मंदिर जिसमें भगवान शिव और पार्वती के विवाह की प्रतिमा स्थापित है. ये मंदिर नर्मदा नदी के भेड़ाघाट में 70 फ़ुीट ऊंचे एक पहाड़ पर बना है. इस मंदिर को 10वीं शताब्दी में कल्चुरी राजवंश के राजा युवराज देव प्रथम ने बनवाया था. इस मंदिर में 81 योगिनियों की मूर्तियां भी हैं. इनका निर्माण भी युवराजदेव ने इनका आशीर्वाद पाने के उद्देश्य से किया था.   

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4. पगारा बांध 

फ़ोटोग्राफ़ी और एडवेंचर लवर्स के लिए बेस्ट प्लेस है पगारा बांध(Pagara Dam). आसन नदी पर बने इस डैम के पास बहुत से लोग पिकनिक मनाने आते हैं. ये ग्वालियर से 75 किलोमीटर दूर है.

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5. बीर सिंह पैलेस 

1614 में इस महल को राजा बीर सिंह देव ने बनवाया था. पहाड़ी पर बना ये 7 मंजिला महल शिल्पकला का अद्भुत नमूना है. ग्वालियर से इस ऐतिहासिक महल की दूरी 75 KM है.

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6. पद्मावती(पवाया) 

पद्मावती खोया हुआ पौराणिक शहर था जिसके अवशेष यहां मौजूद हैं.ग्वालियर से इसकी दूरी 68 किलोमीटर है. इस शहर का ज़िक्र कई प्राचीन ग्रंथों में है. तीसरी और चौथी शताब्दी में ये नागाओं की राजधानी हुआ करती थी. 

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7. भिंड 

पहाड़ों और जंगलों से घिरे मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र ने चंदेल, चौहान, मुग़लों और होलकर राजवंश के शासकों का राज देखा है. अटेर क़िला और गोहद क़िला इसके मशहूर टूरिस्ट प्लेस हैं. ग्वालियर से आप 60 किलोमीटर की यात्रा कर यहां घूमने आ सकते हैं.

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8. चंबल (घड़ियाल) वन्यजीव अभयारण्य 

राष्ट्रीय चंबल (घड़ियाल) वन्यजीव अभयारण्य 5400 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला है. यहां पर आप विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों की दर्शन कर सकते हैं. जंगल सफ़ारी करने के लिए भी ये बेस्ट है. ग्वालियर से इसकी दूरी 105 किलोमीटर है. 

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9. जहांगीर महल 

इंडो-इस्लामिक शैली में बना ये एक दुर्लभ महल है, जो ओरछा में है. जब जहांगीर 17 वीं शताब्दी में पहली बार यहां आए थे तो उनके दोस्त बीर सिंह देव ने इसे बनाया था. बेतवा नदी के बास बना ये महल ग्वालियर से 125 किलोमीटर दूर है. 

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10. शिवपुरी 

पहाड़, घने जंगल और झरने आपको पसंद हैं तो शिवपुरी से बेस्ट जगह कोई नहीं. यहां आप प्रकृति की गोद में सुकून भरे पल बिता सकते हैं. ये ग्वालियर से 120 किलोमीटर दूर है. मानसून में यहां का नज़ारा देखते ही बनता है.   

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अगली बार ग्वालियर जाना तो इन जगहों पर जाना न भूलना.