Mukesh Ambani Ancestral House : मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की गिनती एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में की जाती है. जब भी देश में किसी अमीर व्यक्ति की बात आती है, तो जुबां पर मुकेश अम्बानी का ही नाम आता है. 1966 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने की थी. 2002 में धीरूभाई की मृत्यु के बाद, मुकेश और उनके छोटे भाई अनिल ने रिलायंस का संयुक्त नेतृत्व ग्रहण किया. बड़े भाई ने अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक का पद संभाला, अनिल को उपाध्यक्ष और संयुक्त प्रबंध निदेशक नामित किया गया. हालांकि, दोनों के बीच प्रॉपर्टीज़ को लेकर मनमुटाव होने लगे, जिसके कारण मुकेश ने RIL के रूप में गैस, तेल और पेट्रोकेमिकल इकाइयों का नियंत्रण ग्रहण कर लिया. वहीं, अनिल को एक डिमर्जर के माध्यम से दूरसंचार, बिजली उत्पादन और वित्तीय सेवा इकाइयां मिलीं. आज मुकेश अंबानी एक सक्सेसफुल बिज़नेसमैन हैं. उनका मुंबई में मकान एंटीलिया सबसे महंगे और आलीशान घरों में गिना जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुकेश अंबानी का गुजरात में भी एक 100 साल पुराना पुश्तैनी मकान है? आइए आपको बताते हैं कि मुकेश अंबानी का ये मकान गुजरात में कहां है और किस हाल में है.

कहां है मुकेश अंबानी का पुश्तैनी मकान?

मुकेश अंबानी का पुश्तैनी मकान गुजरात के चोरवाड़ गांव में है. ये क़रीब 100 साल पुराना है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी मकान में मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी का बचपन बीता था. वो इस गांव से महज 500 रुपए लेकर निकले थे और फिर जब वो वापिस आए तो दुनिया के सबसे सफ़ल कारोबारी बनकर वापिस लौटे थे.

Mukesh Ambani Ancestral House

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अब पुराने मकान की ऐसी है हालत?

धीरूभाई अंबानी के निधन बाद मुकेश और अनिल के बीच मनमुटाव पैदा होने लगे थे. जिसके बाद दोनों का साल 2011 में संपत्ति और कारोबार का बंटवारा हो गया. दोनों भाइयों के बीच इसके बाद सब कुछ सामान्य होने पर धीरूभाई की पत्नी कोकिला बेन ने 28 सितंबर 2011 को अपने पति की याद में गुजरात के चोरवाड़ा स्थित गांव में अपने 100 साल पुराने मकान को मेमोरियल बना दिया. आज इसे लोग धीरूभाई अंबानी मेमोरियल के नाम से जानते हैं.

सैलानियों के लिए खोला गया ये मकान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मकान का एक हिस्सा अब सैलानियों के लिए खोल दिया गया है. इस मकान में आपको अंबानी परिवार के इतिहास से जुड़ी कई जानकारियां मिल जाएंगी. इसके साथ ही मुकेश अंबानी के सौ साल पुराने से मकान से भारत और गुजरात की स्थापत्य कला की भी जानकारी मिलती है. साथ ही इससे लोगों को ये भी जानकारी हासिल होती है कि पुराने ज़माने में गुजरात में मकान कैसे बनाए जाते थे.

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कैसा है इस मकान का स्वरुप?

इस पुश्तैनी मकान में आपको बरामदे, गेस्ट रूम, कमरे और रसोई घर देखने को मिलेगा. साथ ही इसमें पुराने ज़माने के फर्नीचर भी रखे हुए हैं. इसमें एक सोविनियर शॉप है, जहां अंबानी परिवार से जुड़ी पुरानी यादगार चीज़ों की बिक्री की जाती है. इस घर का एक हिस्सा आज भी अम्बानी परिवार के पास है. इस हिस्से में आज भी कोकिलाबेन रहने आती हैं. यहां एक बड़ा गार्डन भी है. इस बगीचे का एक हिस्सा सैलानियों के लिए हैं और दूसरा हिस्सा प्राइवेट है. इसमें कई स्थानों पर मुग़ल स्टाइल फ़ाउंटेन लगाए गए हैं.