Facts About Well Shape: शहरों में तो कुएं कहां ही दिखते हैं पर गांव में आज भी कुओं का चलन है. घरों में कुएं होते हैं और उनसे पानी खींचकर घर के काम किए जाते हैं. गांव के मंदिरों में भी कुएं देखने को मिल जाते हैं. शहरों के लोग जब कभी-कभी कुआं देखते हैं तो उसमें झाकने की जिज्ञासा तो ख़ूब होती है, लेकिन कभी कुएं के आकार को देखकर मन में सवाल कौंधा है कि सारे कुएं गोल ही क्यों होते हैं? क्यों इनकी आकृति चकोर या कोई और शेप में नहीं होती है?
![Well](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/country-water-well.jpg)
अगर ये सवाल आपको परेशान करता है तो इसका जवाब जान लो.
ये भी पढ़ें: कभी सोचा है 2 और 10 रुपये के सिक्के पर बनी चार लाइनों का क्या मतलब होता है, नहीं तो अब जान लो
भले ही आज गांवों में कुओं की जगह नल, बोरिंग, और ट्यूबवेल ने ले ली है, लेकिन कई जगहों पर आज भी कुएं मिल जाएंगे. गांव ही हैं, जिन्होंने कुओं के अस्तित्व को ज़िंदा रखा है. कुएं त्रिकोण या चकोर न होने के पीछे वैज्ञानिक कारण है, जिसके तहत गोलाकार होने से कुओं की उम्र लम्बी होती है.
![Facts About Well Shape](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/kua.jpg)
ये भी पढ़ें: Interesting Facts About Birds: जानिए, पेड़ की डाल पर सोते समय भी पक्षी गिरते क्यों नहीं है?
दरअसल, कुएं गोल होने से पानी का दबाव पूरे कुएं पर एक समान पड़ता है, जिससे कुएं काफ़ी सालों तक चलते हैं. अगर इनमें की कोने होंगे तो हर कोने पर पानी दवाब पड़ने से कुआं जल्दी धंसने लगेगा और कुछ ही सालों में ढह जाएगा. इसलिए गोलाकार होने के चलते किसी पर पानी का दवाब कम या ज़्यादा नहीं होता है.
![Facts About Well Shape](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/7513b791b31ac7fd1514962eed7bbf94w-c0rd-w832_h468_r4_q80.jpg)
आपको बता दें, कुएं के गोल होने के पीछे एक पौराणिक मान्यता भी है कि, पुराने ज़माने में लोग कुएं की पूजा करते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि कुएं में देवताओं का वास होता है. इसलिए कुएं को गोल आकृति में बनाकर उसकी पूजा करते थे. आज भी शादी के समय कुआं पूजन होता है और राजस्थान में बेटे के जन्म के बाद भी कुआं पूजन की रीत है.