British Beer India Pale Ale: यूं तो बीयर की दुनियाभर में कई क़िस्में हैं, लेकिन India Pale Ale यानी IPA की बात ही निराली है. इसकी ख़ासियत ये है कि ये एक ख़ास क़िस्म के फ़्रूट Hops से बनीं होती है, जो बेहद महंगा मिलता है. भारत में इसकी क़ीमत 85 हज़ार रुपये प्रति किलो है. पिछले कुछ सालों में भारत के कुछ किसानों ने इसकी पैदावार तैयार करनी शुरू की है. मेडिकल तौर पर भी Hops बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसी Hops से बनती है India Pale Ale Beer. ऐसे में हर भारतीय बस यही जानना चाहता है कि आख़िर इस बीयर का नाम भारत के नाम पर क्यों रखा गया है?
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दरअसल, India Pale Ale (IPA) भारतीय नहीं, बल्कि एक ब्रिटिश बियर है, जिसकी शुरुआत सन 1815 में इंग्लैंड में हुई थी. ये बीयर आज ब्रिटेन, अमेरिका, इटली, स्कॉटलैंड, नीदरलैंड समेत दुनिया के कई देशों में मशहूर है. ये दुनिया की सबसे पुरानी बीयर में से एक मानी जाती है. ये बियर सन 1858 तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नियंत्रण में रही.
आख़िर कैसी बनती है ये बीयर?
18वीं सदी की शुरुआत में Hops से बनने वाली Pale Ale Beer आज बनने वाली India Pale Ale बीयर से काफ़ी अलग थी. 18वीं शताब्दी के मध्य तक India Pale Ale को कोक-फायर माल्ट के साथ पीसा जाता था, जो माल्टिंग प्रक्रिया में जौ को कम स्मोकिंग और रोस्टिंग बनाता था. इस प्रक्रिया के दौरान पीले रंग की बियर बनती थी. बीयर की ऐसी ही एक किस्म October Beer भी हुआ करती थी, जो उस दौर में ब्रिटेन के जमींदारों के बीच काफ़ी लोकप्रिय थी.
दरअसल, 17वीं सदी की शुरुआत में अंग्रेज़ों का धीरे-धीरे भारत आना शुरू हो चुका था. 17वीं सदी तक बड़ी संख्या में अंग्रेज़ों ने भारत आना शुरू कर दिया था. ऐसे में उन्हें भारत में बीयर की तलब लगने लगी. लेकिन ब्रिटेन से भारत बीयर लाना आसान काम नहीं था. उस दौर में समुद्रीय रास्ते से ब्रिटेन से भारत आने में क़रीब 6 महीने लग जाते थे. ऐसे में बीयर को 6 महीने तक संभालकर रखना बेहद मुश्किल था.
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भारत में 17वीं सदी तक बीयर (शराब) बनाने की कोई फ़ैक्ट्री नहीं थी. भारत में पड़ने वाली गर्मी और तकनीक की कमी के चलते अंग्रेज़ों ने अपने इस शौक को पूरा करने के लिए ब्रिटेन में एक ऐसी बीयर बनाने का फ़ैसला किया, जो महीनों तक चल सके. आख़िरकार 1780 के दशक में George Hodgson नाम के एक ब्रिटिश कारोबारी ने महीनों तक चलने वाली एक ऐसी बीयर बनाने का रास्ता खोज निकाला, जो अंग्रेज़ों के काम की चीज़ थी.
इसके बनने की दिलचस्प कहानी
George Hodgson ने ऐसी बीयर बनाई जिसमें Hops का इस्तेमाल किया गया था. Hops एक क़िस्म का फल है, जिसका इस्तेमाल आज भी बीयर बनाने में किया जाता है. Hops से बनने वाली इस बीयर को वाइन की तरह ही स्टोर करके रखना पड़ता था. ऐसे में जब इस बीयर को भारत भेजा गया तो ये न केवल इतने दिनों तक सुरक्षित रही, बल्कि इसका स्वाद पहले से भी बेहतर बन चुका था. इसी वजह से इसका नाम Pale Ale से India Pale Ale कर दिया गया.
आज भी ये ब्रिटिश बीयर पूरी दुनिया में India Pale Ale के नाम से ही बिक रही है.
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