Gun Violence: आपने ख़बरों में कई बार सुना होगा कि किसी शख़्स की गोली लगने से मौत हो गई. आपने ऐसा भी सुना होगा कि किसी शख़्स को कई गोलियां लगीं, फिर भी वो ज़िंदा बच गया. वहीं, कुछ लोग इलाज के दौरान मर जाते हैं. ऐसे में आपके मन में भी सवाल आता होगा कि आख़िर कोई शख़्स बंदूक की गोली लगने के बाद कितनी देर तक ज़िंदा रह सकता है. साथ ही कैसे गोली से किसी की मौत होती है और कोई ज़िंदा बच जाता है? (If Bullet Hit Heart Or Brain How Much Time It Will Take To Kill)
इस बात का जवाब बहुत सी स्थितियों पर निर्भर करता है. जैसे गोली इंसान के किस अंग पर लगी, गोली लगने के कितनी देर बाद इलाज मिला या शख़्स का कितना ख़ून बहा. दरअसल शरीर के कुछ भाग बहुत संवेदनशील होते हैं. वहां गोली लगने के बाद बचना बहुत मुश्किल होता है लेकिन कुछ भाग ऐसे होते हैं जहां गोली लगने के कुछ घंटे बाद भी इलाज मिल जाए तो बचने की पूरी गुंजाइश रहती है. (What Happens When You Get Shot)
एक गोली काम कैसे करती है?
पहले ये समझना ज़रूरी है कि एक गोली काम कैसे करती है. दरअसल, बंदूक का ट्रिगर दबने पर जो कार्टिज निकलती है, उसके तीन हिस्से होते हैं. प्राइमर, खोखा या केस और बुलेट. कार्टिज का सबसे पिछला हिस्सा प्राइमर होता है. ये ही फ़ायरिंग के वक्त बारूद में विस्फोट करता है. बीच में खोखा होता है, इसी में गन पाउडर भरा होता है. गोली चलते ही ये खोखा बंदूक से निकलकर गिर जाता है.
अब आता है वो हिस्सा जो किसी इंसान के शरीर को चीरता अंदर घुस जाता है. कार्ट्रिज के सबसे आगे वाले हिस्से को बुलेट कहते हैं. ये लेड या सीसे की बनी होती है. जब बंदूक का ट्रिगर दबाया जाता है ,तो प्राइमर पर तेज़ से चोट लगती है. इस टक्कर से बुलेट केस में चिंगारी उत्पन होती है और खोखे के बारूद में विस्फ़ोट हो जाता है. इस वजह से खोखा बुलेट से अलग होकर ज़मीन पर गिर जाता है और तेज़ बल के कारण बुलेट रफ़्तार से आगे निकल जाती है. (How Long It Take To Die From A Bullet)
गोली लगने के बाद क्या होता है?
गोली शरीर में जब घुसती है तो पहला काम ये करती है कि आपकी कोशिकाओं को बुरी तरह फाड़ देती है. फिर एक सुरंग की तरह रास्ता बनाते हुए अंदर घुसती है. रास्ते में जो कुछ भी पड़ता है उसको नष्ट कर देती है. हड्डी रास्ते में आए तो उसे तोड़ देती है लेकिन कई बार मजबूत हड्डी उसे रोक भी लेती है.
ऐसे में गोली लगने पर शरीर से ख़ून निकलना शुरू हो जाता है. ज़्यादा ख़ून बह जाने पर इंसान की मौत हो जाती है. बूलेट में कई हैवी मेटल्स भी मौजूद रहते हैं, जैसे लेड, कैल्शियम सिलिकेट, कई बार बुलेट का बारूद भी पूरी तरह जल नहीं पाता. ये सब शरीर में बुरी तरह जहर फैलाने का काम करते हैं. समय गुज़रने के साथ ही स्थिति गंभीर होती जाती है. कई बार बुलेट लगने के बाद जरूरत से ज्यादा खून का रिसाव मृत्यु की वजह बन जाता है.
गोली लगने के कितनी देर तक इंसान ज़िंदा रह सकता है?
डॉक्टरों के मुताबिक, शरीर के दो तरह के अंग होते हैं एक नान वाइटल आर्गन और दूसरे वाइटल आर्गन. हाथ, पैर या बाहरी अंगों पर जब गोली लगती है तो बचने की संभावना ज़्यादा होती है. लेकिन शरीर के कुछ अंग ऐसे होते हैं जहां गोली लगना खतरनाक हो जाता है. इन्हें हम वाइटल आर्गन कहते हैं. मसलन, किडनी, लिवर जैसे अंग हैं और सीने के आसपास मोटी खून की नलियां. यहां गोली लगने के कुछ ही मिनटों में इलाज शुरू नहीं हुआ तो बचने की गुंजाइश नहीं रहती. (If Bullet Hit Heart Or Brain How Much Time It Will Take To Kill)
If Bullet Hit Heart Or Brain How Much Time It Will Take To Kill
वहीं, अगर बात करें दिल और दिमाग़ की तो बचने की संभावना बहुत की कम हो जाती है. दिल और दिमाग़ पर अगर गोली लगे तो महज़ 03 से 40 सेकेंड्स के अंदर ही इंसान की मौत हो जाती है.
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