International Nurse Day 2021: कोरोना की वजह हम सब एक बड़े संकट से जूझ रहे हैं. हम घर पर भले ही परिवार के साथ सुरक्षित बैठे हैं, लेकिन अस्पतालों में डॉक्टर-नर्स दिन-रात कोरोना से संघर्ष कर रहे हैं. किसका काम बड़ा है या छोट, ये हम नहीं बता सकते हैं. पर हां इस मुश्किल वक़्त में हमारी नर्सें जिस तरह से खड़ी हैं, वो वाकई क़ाबिले-ए-तारीफ़ है. घर-परिवार छोड़ कर वो कोरोना मरीजों की सेवा में जुटी हैं और इसके लिये शुक्रिया शब्द बहुत छोटा है.
कठिन हालातों में कुछ नर्सों ने इतनी शिद्दत से अपने काम को निभाया कि वो सोशल मीडिया पर एक हीरो बन उभरी और लोग उन्हें दुआओं के साथ प्यार भेज रहे हैं.
1. सुकृति बिंद्रा
शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज की सीनियर नर्सिंग सुपरिटेंडेंट सुकृति बिंद्रा पिछले एक साल कोरोना मरीजों की सेवा में जुटी हैं. वो भी बिना एक भी दिन छुट्टी लिये.
2. मुन्नी बाला सुमन
औरंगाबाद की रहने वाली मुन्नी बाला सुमन नवीनगर रोड में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नर्स हैं. कोरोनाकाल में जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद हुए, तो उन्होंने 3 दिन में साइकिल चलाना सीखा और ड्यूटी पर जाने लगीं.
3. उमा अधिकारी
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में कोविड के डर से सभी नवजात को दूध पिलाने से डर रहे थे. इस दौरान वहां ड्यटी पर तैनात उमा अधिकारी सामने आईं और उन्होंने नवजात को दूध पिला उसकी भूख मिटाई.
4. शेरोन वर्गीस
केरल की रहने वाली शेरोन वर्गीस ने आस्ट्रेलिया के वॉलोंगोंग के केयर होम का मोर्चा संभाला और कोविड मरीजों की ख़ूब सेवा की. अपने काम की वजह से शेरोन ने सोशल मीडिया पर खू़ब सुर्खियां बटोरी.
5. श्वेता राय
श्वेता राय नोएडा के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं. 14 साल की जॉब में श्वेता के साथ पहली बार ऐसा हुआ कि नौकरी करके सिर्फ़ उनका शरीर ही नहीं, बल्कि मन भी टूटा. कई बार टूटने के बाद भी कोरोना मरीजों की सेवा में लगी रहीं.
6. दयाराम चौधरी
दयाराम चौधरी दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में नर्सिंग ऑफ़िसर हैं. दयाराम उन ऑफ़िसर में से हैं, जिन्होंने लोगों के मन से कोविड का डर भगाने के लिये ख़ुद अपनी ड्यूटी कोविड वॉर्ड में लगाई.
7. मनस्विनी
मनस्विनी LNJP हॉस्पिटल के मेन कैजुअल्टी में नर्सिंग ऑफ़िसर हैं. कोरोनाकाल में जब मनस्विनी की ड्यूटी लगी, तो उस वक़्त उनकी बेटी 11 महीने की थी. एक तरफ़ कोविड मरीज़ और दूसरी तरफ़ नन्हीं बेटी. पर मनस्विनी ने बच्ची से दूर रहकर मरीज़ों की सेवा करना ज़रूर समझा.
8. अनीता पवार
अनीता पवार ऑल इंडिया गर्वमेंट नर्सेज की प्रेसिडेंट हैं. अनीता पंवार का कहना है कि डॉक्टर की ग़ैरमौजदूगी में सभी फ़ैसले नर्सों को लेने होते हैं. इस मुश्किल समय में सभी अपना घर और परिवार छोड़ कोविड मरीजों की जान बचाने में लगे हैं.
9. मुंबई
Humans of Bombay की पोस्ट के अनुसार, कोविड के डर से एक नर्स ने अपने दोनों बेटों को बहन के घर पर भेज दिया. पति घर पर अकेले हैं. पता नहीं वो किस तरह अपना गुज़ारा कर रहे होंगे. नर्स का कहना है कि वो कोविड मरीजों का गु़स्सा भी झेलती हैं और नखरे भी. इसके साथ ही उन्हें एंटरटेन भी करती हैं. इन सबके बीच परिवार की चिंता भी सताती रहती है.
10. राजश्री कांदे
20 दिनों से ICU में कोरोना मरीज़ों की देखभाल में लगी पुणे की राजश्री कांदे जब घर लौटीं, तो पड़ोसियों ने उनके स्वागत में फूल बरसाये. जिस तरह वो कोविड मरीज़ों की सेवा में जुटी थीं. ऐसा करना जायज़ भी था.
Rajashree Kanade, a healthcare worker at Pune’s Sassoon Hospital, returns home after 20 days#StayAtHome #CautionYesPanicNo #Covid19India #CoronaInMaharashtra #IndiaFightsCorona #PuneFightsCovid19
— Pune Mirror (@ThePuneMirror) April 30, 2020
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11. Aleixandrea Macias
अमेरिका की Aleixandrea Macias ने एक पोस्ट के ज़रिये बताया कि ये वायरस इतना भयानक है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते है. ये वायरस उन लोगों की भी जान ले रहा है, जिन्हें कोई बीमारी नहीं है. जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं.
12. Alessia Bonari
इटली की नर्स Bonari की तस्वीर बता रही थी कि वो किस कंडीशन में मरीजों की देख-रेख कर रही हैं. एक पोस्ट कर Bonari ने कहा था कि ‘मैं एक नर्स हूं और अभी एक मेडिकल इमेरजेंसी का सामना कर रही हूं. मैं डरी हुई हूं, शॉपिंग पर जाने से नहीं बल्कि मुझे काम पर जाने से डर लग रहा है.’
अपने घर परिवार को छोड़ देश को बचाने में जुटी सभी नर्सों को दिल सलाम और ढेर सारा प्यार!