इंसान एक सामाजिक प्राणी है. इसलिए हम जिस देश में रह रहे हैं हमें वहां के नियम क़ानून के मुताबिक़ ही चलता पड़ता है. हर देश में रहने खाने और पीने के लिए अलग अलग नियम क़ानून होते हैं. भारत में भी ऐसा ही है. 21वीं सदी में हमारे पास हर चीज़ के लिए क़ानूनी अधिकार मौजूद हैं. हालांकि, ये सभी अति प्रगतिशील नहीं हैं. देश में सेक्स और रिलेशनशिप को लेकर भी कई तरह के नियम क़ानून बनाये गए हैं. इसीलिए आज हम आपको में सेक्स और रिलेशनशिप से जुड़े 11 ऐसे अधिकारों और क़ानूनों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर भारतीय को पता होने चाहिए.
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1- आप अपने पार्टनर के साथ बिना शादी किए भी सेक्स कर सकते हैं.
भारत में आपको यौन संबंध बनाने के लिए शादी करने की ज़रूरत नहीं है. दो वयस्क आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बना सकते हैं. इसके अलावा समलैंगिक (Homosexual) या विषमलैंगिक (Heterosexual) के लिए भी निजी तौर पर सहमति से यौन संबंध बनाना दो वयस्कों के अपने चुनाव का मसला है.
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2- भारत में समलैंगिक विवाह को क़ानूनी मान्यता नहीं है.
भारत में धारा 377 को भले ही अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया हो, लेकिन देश में अब भी समलैंगिक विवाह को क़ानूनी मान्यता नहीं मिल पाई है. नवतेज सिंह जौहर और अन्य बनाम भारत संघ (2018) के ऐतिहासिक फ़ैसले में भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दो वयस्कों के बीच सहमति से सभी तरह के यौन संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था. इसमें समलैंगिक यौन संबंध भी शामिल थे.
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3- भारत में दो अविवाहित लोगों के बीच ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ अवैध नहीं है.
भारत में अगर दो वयस्क आपसी सहमति से ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ में रहते हैं और अगर शारीरिक बनाते हैं तो ये अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. यदि कपल लंबे समय के लिए एक साथ रहते हैं तो क़ानून उन्हें विवाहित मान लेगा.
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4- लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे का माता-पिता की पैतृक संपत्ति पर अधिकार होता है.
ये बात कम ही लोगों को मालूम होगी कि भारत में ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ से पैदा हुए बच्चे को वैध माना जाता है. भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के मुताबिक़ ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ से पैदा हुए बच्चे का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा.
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5- अविवाहित हैं तो भी आप अपने पार्टनर के साथ किसी भी होटल में ठहर सकते हैं.
भारत में दो वयस्क आपसी सहमति से वैध आईडी प्रूफ के साथ देश के किसी भी होटल में ठहर सकते हैं. हालांकि, देश में आज भी कई होटल ऐसे भी हैं जो अविवाहित जोड़ों को होटल में चेक-इन की अनुमति नहीं देते हैं. अगर कोई होटल ऐसा करता है तो उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.
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6- किसी भी महिला को भारत में गर्भपात कराने का अधिकार है, लेकिन डॉक्टर की मंजूरी से.
भारत में वैसे तो गर्भपात कराना क़ानूनन अपराध है, लेकिन किसी भी महिला (विवाहित या अविवाहित) को गर्भधारण अवधि के 20 सप्ताह तक अनवांटेड प्रेग्नेंसी को समाप्त करने की अनुमति है. ये केवल किसी बीमारी या मां को मौत का ख़तरे के मामलों में ही होता है, जबकि किसी नाबालिग या रेप विक्टिम के केस में समय सीमा 24 सप्ताह तक बढ़ा दी गई है. इसके अलावा 20-24 सप्ताह के बीच गर्भपात कराने वाली विक्टिम्स को दो डॉक्टरों की मंजूरी की आवश्यकता होती है.
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7- भारत में आज भी दुर्भाग्य से ‘मैरिटल रेप’ अपराध की श्रेणी में नहीं आता है.
भारत दुनिया के उन 34 देशों में से एक है जो आज तक ‘मैरिटल रेप’ को अपराध नहीं बना पाया है. आज भी देश में कई विवाहित कपल ऐसे हैं जिनके बीच शारीरिक संबंध ज़ोर ज़बरदस्ती से बनते हैं. देश में किसी भी महिला के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती से शारीरिक संबंध बनाना क़ानूनन अपराध है, लेकिन वैवाहिक मामले में ये अब भी अपराध नहीं है.
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8- भारत में वेश्यालय चलाना या प्राइवेट सेक्स वर्क ग़ैर-क़ानूनी नहीं है.
भारत Commercial Sex Industry के प्रमुख केंद्रों में से एक है, देश में आज भी वेश्यावृत्ति वैध है. वेश्यालयों में छापेमारी के दौरान यौन कर्मियों को गिरफ़्तार या परेशान अपराध की श्रेणी में आता है. हालांकि, बाल वेश्यावृत्ति, मानव तस्करी, वेश्यालय चलाना, होटल में वेश्यावृत्ति और दलाली जैसी संबद्ध गतिविधियां अवैध हैं.
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9- अविवाहित जोड़ा किराए पर घर ले सकता है और घर ख़रीद भी सकता है.
भारत में ऐसा कोई क़ानून नहीं है जो आपसी सहमति से दो वयस्कों को एक संयुक्त संपत्ति के मालिक होने या एक साथ किराए पर घर लेने से रोकता हो. लेकिन किराये पर घर लेते समय कपल्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि एग्रीमेंट में दोनों पार्टनर का नाम हो.
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10- लिव-इन में रहते हुए भी आप अपमानजनक रिश्ते से सुरक्षा की मांग कर सकते हैं.
घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत कोई भी महिला जो किसी ऐसे व्यक्ति के साथ घरेलू संबंध में थी जहां घरेलु हिंसा होती हो, परिवार के सदस्यों द्वारा हिंसा की जाती हो ऐसे में वो महिला घरेलू हिंसा के ख़िलाफ़ सुरक्षा की मांग कर सकती है.
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11- आप सार्वजनिक जगहों पर अपने पार्टनर के साथ घूम सकते हैं और बैठ सकते हैं.
‘लोग क्या कहेंगे’ इसकी फ़िक्र छोड़कर कोई भी कपल देश के किसी भी पब्लिक प्लेस पर आसानी से घूम फिर सकता है. उनका विरोध करने का अधिकार किसी के भी पास नहीं है. लेकिन पब्लिक प्लेस में अनैतिक हरक़त करना भी दंडनीय अपराध है. इंडियन पीनल कोड की धारा 294 के मुताबिक़, ‘दूसरों को नाराज़’ करने वाली अश्लीलता के कार्य के लिए जुर्माना और 3 महीने तक की क़ैद की सजा दी जा सकती है.
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