Kongthong Whistling Village In Meghalaya Story: इस गांव में लोग को दूसरे को नाम से नहीं बल्कि ‘धुनों’ से पुकारते हैं. भारत में ऐसे बहुत से गांव हैं, जो अपने किसी न किसी यूनिक परंपरा के लिए प्रसिद्ध हैं. उनमें से एक गांव ‘कोंगथोंग’ भी है. जहां दूर-दूर तक बस आपको सुरीली आवाज़ें ही सुनाई देंगी. चलिए आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इस गांव की यूनिक कहानी बताएंगे कि ऐसा क्यों होता है.
ये भी पढ़ें- गांव हो तो ऐसा, जहां हर घर में है Airplane, लोग घूमने-फिरने या ऑफ़िस भी ‘उड़कर’ ही जाते हैं
चलिए जानतें हैं इस गांव की दिलचस्प कहानी-
कहा जाता है कि कश्मीर के बाद भारत में अगर सबसे सुन्दर Region है तो वो ‘नॉर्थ ईस्ट’ है. भारत की वो जगह जहां के पहाड़, झरने और ख़ूबसूरती देखने लायक हैं. जहां एक बार कोई चला गया तो वापस लौटने का दिल बिलकुल नहीं करेगा. वहीं शिलांग से 53 किमी दूर ‘कोंगथोंग’ गांव की सुंदरता के साथ-साथ वहां की परंपरा पूरे देश में विख्यात है. जिसे ‘Whistling Village’ नाम से भी जाना जाता है.
1- कोंगथोंग गांव पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है, जो मेघालय की राजधानी शिलांग से लगभग 53 किलोमीटर दूर है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/image-374.png)
ये भी पढ़ें- किसी का नाम गूगल तो कोई है कोर्ट-कॉफ़ी, पढ़िए कर्नाटक की हक्की पिक्की जनजाति के 7 Unknown Facts
2- इस गांव के लोग अपना संदेश किसी और तक पहुंचाने के लिए सीटी बजाते हैं. जिससे सामने वाला तुरंत समझ जाता है कि अगला इंसान क्या कहना चाहता है. गांव वाले इस धुन को ‘जिंगरवाई लवबी’ कहते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/image-377.png)
3- कोंगथोंग गांव में 700 लोग हैं और इन 700 लोगों के 700 अलग-अलग धुन हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/image-378.png?w=1024)
4- बच्चों के जन्म के कुछ हफ्तों बाद मां अपने बच्चे को एक ‘धुन’ से पुकारती है. जो कहा जाता है आजीवन उसका नाम होता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/image-379.png)
5- इस गांव में मां जब भी अपने बच्चे का नाम रखती है, तो उसका नाम और धुन से कोई ताल्लुक़ नहीं होता है. वो नाम बस प्यार से रखती है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/image-385.png)
6- कहा जाता है कि इस गांव में हर एक इंसान के तीन नाम होते हैं- एक लंबी धुन जो जन्म के समय उसकी मां देती है, दूसरा सरकारी काम काज के लिए और तीसरा छोटी धुन आसपास के लोगों के लिए.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/image-381.png)
7- इस गांव में किसी भी धुन का फिर से इस्तेमाल नहीं होता है. अगर इस गांव में कसी की मृत्यु भी हो जाये, तो भी उसकी धुन से किसी और को नहीं बुलाया जाता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/image-386.png)
8- 2021 में पर्यटन मंत्रालय (Ministry Of Tourism) ने कोंगथोंग गांव को World Tourism Organization’s Best Tourism Villages Award के लिए भी नॉमिनेट किया था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/image-383.png)
![Kongthong](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/image-384.png)
इस गांव में कोई नहीं जानता कि ये परंपरा कैसे शुरू हुई. लेकिन वहां के बड़े बुज़ुर्ग कहते हैं कि “ये परंपरा हमें जंगल की आत्माओं से बचाने के लिए शुरू हुई, तो कोई कहता है कि भोजन की तलाश में बच्चों को बुलाने का ये आसान तरीका था.”
काफ़ी यूनिक कहानी है इस गांव की.