Older Indians Proved that Age is just a Number : ये हक़ीक़त है कि किसी को जल्दी सफलता हाथ लग जाती है, तो किसी की पूरी ज़िंदगी प्रयास में बीत जाती है. वहीं, देखा जाता है कि लोग अपनी असफलता से बहुत ही जल्द निराश हो जाते हैं और प्रयास करना छोड़ देते हैं. लेकिन दोस्तों, सफलता पानी है, तो प्रयास ज़रूरी है और साथ ही जोश का बना रहना भी ज़रूरी है. आइये, इस क्रम में हम आपको भारत के उन वृद्ध लेकिन जोशीले इंसानों के बारे में बताते हैं, जिनकी कहानी या जिनके द्वारा किया गया काम आपको जीवन में आगे बढ़ने की सीख देगा. साथ ही ये भी बताएगा कि अगर कुछ करना का जुनून है, तो उम्र मात्र एक नंबर लगेगी.
आइये, लेख में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इन भारतीयों की कहानी (Older Indians Proved that Age is just a Number).
1. फ़ौजा सिंह
Superhero Fauja Singh विश्व के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक हैं. जानकर हैरानी होगी कि इन्होंने 101 की उम्र में London Marathon में हिस्सा लिया था और 7 घंटे 49 मिनट में पूरी रेस कंप्लीट की थी. इनका जन्म 1 अप्रैल 1911 में पंजाब में हुआ था. फ़ौजा सिंह अब 111 वर्ष के हो चुके हैं.
2. स्वामी शिवानंद
Older Indians Proved that Age is just a Number: हाल ही में भारत सरकार द्वारा योग गुरु स्वामी शिवानंद को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. माना जा रहा है कि वो 126 वर्ष के हैं. उनके पासपोर्ट के अनुसार, उनका जन्म 8 अगस्त 1896 को हुआ था. स्वामी शिवानंद जी के स्वस्थ शरीर को देख ये सीख ली जा सकती है कि योग और सही खान पान लंबी उम्र के लिए कितना ज़रूरी है. बता दें कि स्वामी जी रोज कई घंटों तो योग करते हैं और खाने में उबला भोजन व सब्ज़ी लेते हैं.
3. कार्तयिनी अम्मा
केरल की कार्तयिनी अम्मा भी लोगों के लिए रोल मॉडल से कम नहीं है. कार्तयिनी अम्मा केरल साक्षरता मिशन की ‘Aksharalaksham scheme’ के तहत चौथी कक्षा की समकक्ष परीक्षा पास करने वाली अपने जिले की सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं. इन्होंने 96 की उम्र में ये परीक्षा दी थी. ये काम कर इन्होंने ये साबित कर दिया कि उम्र मात्र एक नंबर है.
4. भानुमति राव
भानुमति राव की उम्र 90 से ज़्यादा और वो अपने क्लासिकल डांस के लिए जानी जाती हैं. उनका भारतनाट्यम नृत्य देख कोई भी हैरान रह जाएगा. अपने इस टैलेंट के बल पर वो Bala Kailasam Memorial Award 2019 भी जीत चुकी हैं. बता दें कि उनका जन्म 1923 में केरल में हुआ था.
5. थायम्माली
Older Indians Proved that Age is just a Number : 78 वर्षीय थायम्माली ने अपने जीवन के क़रीब 37 साल तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल में भूगोल, गणित और इतिहास पढ़ाया है. वहीं, रिटायरमेंट के बाद भी कुछ करने का जज़्बा उनके अंदर कम नहीं हुआ. जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने क़रीब 4 लाख ख़र्च कर 8 एकड़ ज़मीन को पेड़ों से भरने का काम किया है.
6. अब्दुल ख़ादर
68 वर्षीय केरल के अब्दुल ख़ादर ने भुखमरी के खिलाफ़ जंग छेड़ दे ही है. वो ‘Visakkunnavarkkoru Virunnu’ के नाम से एक फ़ूड बैंक चलाते हैं. ये काम उन्होंने 2 अक्टूबर 2019 से शुरू किया था. इस काम में उनकी पत्नी सुनिता भी सहयोग करती हैं. सुनिया ही अपने घरेलू नौकरों के साथ पूरा खाना तैयार करती हैं. ये फ़ूड बैंक दोपहर के 12:30 खुलता है.
7. मान कौर
मान कौर एक भारतीय एथलीट थींं. उन्होंने स्पेन में आयोजित हुई World Masters Championship (2018) में 200 मीटर रेस की 100-104 ईयर कैटेगरी का ख़िताब अपने नाम किया था. वहीं, 2019 में उन्होंने शॉटपुट में गोल्ड मेडल (पोलैंड में आयोजित हुए गेम्स) जीता था. वहीं, 105 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था.
8. जंगली
Older Indians Proved that Age is just a Number : उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के रहने वाले जगत सिंह चौधरी उर्फ़ ‘जंगली’ एक उम्रदराज पर्यावरणविद हैं. उन्होने क़रीब 1.5 हेक्टेयर बंज़र ज़मीन पर जंगल उगाने का काम किया है. साथ ही वो लोगों को खेती से जुड़ी आवश्यक जानकारी भी देते हैं. उनके जंगल में आपको विभिन्न तरह के पेड़-पौधे नज़र आएंगे, जिसमें औषधीय पौधे भी शामिल हैं. अपने जंगल में उन्होंने 1 लाख से भी ज़्यादा पेड़ लगाने का काम किया है.