कई बार ज़िंदगी में हालात हमारे बस में नहीं होते. मगर ख़ुद का हाल हमें कैसा रखना है, ये पूरी तरह हम पर ही निर्भर करता है. अब चाहें तो होंठो पर शिकायत रख लीजिए या फिर मुस्कुराहट. आज की कहानी आपको अपनी सारी परेशानियां किनारे रख कर मुस्कुराने का मौक़ा देगी.

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ये कहानी है एक 74 साल के ऐसे बुज़ुर्ग की, जो कभी अंग्रेज़ी के लेक्चर थे. मगर आज वो सड़कों पर ऑटो चला रहे हैं. उनकी लाइफ़ में कई चीज़ों की कमी है, मगर एक चीज़ जो भरपूर है, वो है ज़िंदगी और उसे ज़िंदा-दिली से जीने का उनका अंदाज़. बेंगलुरू में एक निजी फ़र्म में काम करने वाली निकिता अय्यर ने Pataabi Raman की इस स्टोरी को LinkedIn पर शेयर की है.

निकिता को अपने ऑफ़िस पहुंचने में देर हो रही थी. वो सवारी का इंतज़ार कर रही थीं. तब ही, Pataabi Raman अपना ऑटो लेकर वहां आते हैं. निकिता थोड़ी परेशान थीं, तो उन्हें देखकर वो कहते हैं, ‘Please come in Maa’m, you can pay what you want.’

एक ऑटो ड्राइवर को इतनी अच्छी अंग्रेज़ी बोलता देख निकिता हैरान रह गईं. उन्होंने पूछा कि ‘आप इतनी अच्छी अंग्रेज़ी कैसे बोल लेते हैं?’. जवाब में बुजुर्ग ऑटो-रिक्शा चालक ने बताया कि एक समय में वो मुंबई में इंग्लिश के लेक्चरर हुआ करता थे. उन्होंने एमए और एम एड कर रखा है.

निकिता आगे कुछ पूछती इससे पहले ही उन्होंने कहा कि ‘अब आप पूछेंगी कि मैं फिर ऑटो क्यों चला रहा हूं?’ निकिता वाक़ई यही पूछने वाली थीं. उन्होंने कहा कि वो 74 साल के हैं. 14 साल से रिक्शा चला रहे हैं. पहले मुंबई के कॉलेज में इंग्लिश के लेक्चरर थे. कर्नाटक में कोई नौकरी नहीं मिली, क्योंकि यहां लोग सबसे पहले जाति पूछ लेते हैं.

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तो तंग आकर वो नौकरी की तलाश में मुंबई चले गए. 60 की उम्र तक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाया. फिर, निजी कॉलेज में रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलती. नौकरी के दौरान भी सैलरी अच्छी नहीं थी. ऐसे में मेरी सेविंग जल्द ही ख़त्म होने लगी.

ऐसे में रिक्शा चलाना शुरू किया. इससे कम से कम रोज़ 700-1500 कमा लेता हूं. आगे वो मुस्कुराते हुए बोले, ‘ये मेरी और मेरी गर्लफ़्रेंड के लिए काफ़ी है.’ बता दें, वो अपनी पत्नी को गर्लफ़्रेंड बुलाते हैं.

उन्होंने बताया कि वो 1 BHK फ़्लैट में रहते हैं. 12,000 रुपये किराया है, जो उनका बेटा दे देता है. इसके अलावा, वो बच्चों से कोई मदद नहीं लेते. वो उन पर निर्भर नहीं रहना चाहते. बच्चे अपनी ज़िंदगी में और वो अपने में ख़ुश हैं. 

Pataabi कहते हैं ‘अब मैं अपनी सड़क का राजा हूं, मैं जब चाहूं अपना ऑटो निकाल सकता हूं और जब चाहूं काम कर सकता हूं.’

बता दें, Pataabi Raman की ये दिल छू लेने वाली कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.