Facts About Opium: अफ़ीम का इस्तेमाल ईसा पूर्व 14वीं शताब्दी में भी होता था. रिसर्चरों के मुताबिक अफ़ीम के इस्तेमाल की यह सबसे पुरानी घटना है. इतने साल पहले अफ़ीम के इस्तेमाल का प्रमाण इस्राएल में एक पुरानी कब्रगाह में मिला है. प्राचीन कनाइट समुदाय के लोगों के अंतिम संस्कार में इस्तेमाल हुए बर्तन में अफ़ीम के कण मिले हैं.
2012 में मध्य इस्राएल के टेल येहुद की खुदाई के दौरान कांस्य युग का एक बर्तन मिला था. इसकी आकृति अफ़ीम के उल्टे फूलों जैसी है. रिसर्चरों के मुताबिक यह बर्तन मरने वाले के साथ उसके इस्तेमाल की चीज़ों को दफ़नाने के रिवाज़ का हिस्सा है.
Facts About Opium
वैज्ञानिकों ने इस तरह के आठ बर्तनों में मिली चीजों का बारीक़ी से अध्ययन करने के बाद उसमें अफ़ीम के कणों की पुष्टि की है. यह रिसर्च तेल अवीव यूनिवर्सिटी के वीज़मान इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस और इस्रायल की पुरातात्विक विभाग ने संयुक्त रूप से की है. इनमें से कुछ अफ़ीम स्थानीय रूप से तो कुछ स्थानीय रूप से तो कुछ साइप्रस में पैदा हुआ था.
अफ़ीम का किस रूप में इस्तेमाल
यह सारी चीज़ें ईसापूर्व 14वीं शताब्दी की बताई जा रही है. इस बारे में रिसर्च रिपोर्ट आर्कियोमेट्री जर्नल में प्रकाशित हुई है. हालांकि कनाइट समुदाय के लोग अंतिम संस्कार में अफ़ीम का किस रूप में इस्तेमाल करते थे इसके बारे में अब तक कोई पक्की जानकारी नहीं है.
इस्राएल के प्राचीन मामलों के विभाग से जुड़े रोन बीरी का कहना है,
हो सकता है कि यह परिवार के सदस्यों या उनकी तरफ़ से पुजारियों और दूसरे लोगों के ज़रिये रस्मों के दौरान होता इस्तेमाल होता हो, और वो लोग इसके माध्यम से अपने मरे हुए रिश्तेदारों की आत्मा को जगाने का प्रयास करते हों ताकि अपने अनुरोध उन तक पहुंचा सकें और अफ़ीम का इस्तेमाल कर एक विलक्षण स्थिति में पहुंच सकें.
बीरी ने यह भी कहा,
यह भी संभव है कि शरीर के बगल में रखी गई अफ़ीम का उद्देश्य मरे हुए इंसान की आत्मा को कब्र से निकाल कर अगले जन्म में रिश्तेदारों से मिलाने के लिये तैयार करना हो.
2020 में रिसर्चरों ने ईसापूर्व 8वीं सदी में भांग की खोज की थी. नेगेव डेजर्ट में यह भांग 3000 साल पुराने इस्राएली धर्मस्थल पर मिला था.