People of Vadgaon village Switch off their Mobile and tv every evening: भारत में बहुत से ऐसे गांव हैं, जिन्होंने अपनी अलग-अलग चीज़ों की वजह से लोकप्रियता हासिल की है. जैसे बिहार का ‘धरहरा’ गांव जहां बेटी के जन्म पर 10 पौधे लगाए जाते हैं. वहीं, महाराष्ट्र के गांव उस्मानाबाद के एक गांव में 32 एकड़ जमीन बंदरों के नाम रजिस्टर्ड है. वहीं, नागालैंड का लोंगवा गांव इसलिए प्रसिद्ध है, क्योंकि वो दो देशों के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है. एक भारत और दूसरा म्यांमार.
इस कड़ी में हम महाराष्ट्र के एक ऐसे अनोखे गांव (Vadgaon village in Sangli District) के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जहां शाम को एक सायरन बजते ही लोग अपने मोबाइल और टीवी बंद कर लेते हैं.
आइये, विस्तार से जानते हैं क्या है महाराष्ट्र के इस गांव (People of Vadgaon village Switch off their Mobile and tv every evening) की पूरी कहानी.
महाराष्ट्र का वडगांव गांव
Vadgaon village in Maharashtra: हम जिस गांव की बात कर रहे हैं वो महाराष्ट्र के सांगली ज़िले के मौजूद है और उसका नाम है वडगांव. ये गांव अपनी अलग खासियत की वजह से लोकप्रिय है. यहां शाम को सात बजे एक सायरन बजता है, जिसे सुनकर गांव के सभी लोग अपना मोबाइल और टीवी बंद कर देते हैं. क्या कभी आपने ऐसी किसी जगह के बारे में सुना था? नहीं न!
लग गई थी मोबाइल की लत
People of Vadgaon village Switch off their Mobile and tv every evening: दरअसल, जब कोरोना महामारी आई, तो स्कूल बंद हो गए थे और ऑनलाइन क्लास शुरू हो गई थी. छोटे बच्चे हों या बड़े बच्चे, सभी को घर से ही ऑनलाइन क्लास करनी पड़ रही थी. इस बीच बच्चे सामान्य से अधिक समय मोबाइल के साथ बिता रहे थे.
वहीं, जब लॉकडाउन हटा और स्कूल खुले, तो बच्चे तो स्कूल जाने लगे, लेकिन फ़ोन की लत उन्हें ज़्यादा ही लग गई. वडगांव गांव के ग्राम प्रधान विजय मोहिते बताते हैं कि बच्चे स्कूल से आकर ही सीधा मोबाइल चलाना शुरू कर देते थे. मोबाइल से हटे, तो टीवी देखने लग जाते थे.
इससे परिवार की आपसी बातचीत ख़त्म हो रही थी. वहीं, गांव की एक महिला वंदना बताती हैं कि उस दौरान उनके बच्चों को संभालना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा था, क्योंकि बच्चे मोबाइल और टीवी दोनों के साथ ज़्यादा वक़्त गुज़ारने लगे थे.
गांव में बनाया गया नया नियम
ये समस्या गांव के एक परिवार की नहीं थी, बल्कि ये हर घर की कहानी बनती जा रही थी. इसके लिए एक समाधान निकाला गया. यहां रोज़ शाम के सात बजे एक सायरन बजता है. सायरन बजते ही गांव के सभी लोग अपना मोबाइल और अपना टीवी बंद कर लेते हैं.
वहीं, 8:30 फिर से एक सायरन बजता है, जिसके बाद लोग अपना मोबाइल और टीवी चालू कर सकते हैं. वंदना बताती हैं कि इस नियम के बाद बच्चों में मोबाइल की लत में काफी सुधार देखने को मिला है. गांव में ये नियम 15 अगस्त से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को लागू किया गया था.
ये भी पढ़ें: किसी बड़ी प्रेरणा से कम नहीं है बिहार का ‘धरहरा’ गांव, बेटी के जन्म पर लगाए जाते हैं 10 पौधे
लोग उड़ाने लगे थे हंसी
हालांकि, गांव प्रधान के लिए ये नियम पूरे गांव के लिए लागू करवाना उतना आसान नहीं था. गांव प्रधान बताते हैं कि जब उन्होंने अपना ये फैसला गांव के अन्य सदस्यों के सामने रखा था, तो कई लोग इस पर हंसने लगे थे. इसके बाद गांव की पंचायत ने महिलाओं को इकट्ठा किया और महिलाएं इस बात से राज़ी थीं कि गांव में एक घंटा मोबाइल फ़ोन और टीवी बंद रहना चाहिए. क्योंकि महिलाएं इस चीज़ को बड़े क़रीब से समझ सकती थीं कि कैसे मोबाइल फ़ोन उनके बच्चों पर हावी होता जा रहा है.
इसके बाद गांव (Vadgaon village in Sangli District) में इस फैसले के लिए एक बैठक बुलाई गई और इस पर हामी भरी गई. फिर एक सायरन गांव के मंदिर के ऊपर लगाया गया, जो शाम सात बजे और फिर साड़े आठ बजे बजता है.
शुरुआत में कई लोग नहीं फॉलो नहीं कर पा रहे थे, तो गांव की पंचायत के सदस्यों को गांव के चक्कर लगाकर सभी को ये बताना पड़ता था कि फ़ोन और टीवी बंद कर लें.
ये एक छोटी से पहल ज़रूर है, लेकिन ये एक बड़ा संदेश सभी लोगों को दे रही है. आपको ये आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट में बताना न भूलें.