भइया समोसे में हरी और लाल चटनी दोनों डालना, लेकिन हरी ज़्यादा! 

मम्मी गर्मियां आ गई हैं पुदीने की चटनी कब बनाओगी?

भाई, कानपुर, दिल्ली या मुंबई कहीं के भी हो हरी चटनी का अपना एक अलग महत्व है. समोसे के साथ हरी चटनी, बारिश में पकोड़े के साथ हरी चटनी, वड़ा पाव के साथ हरी चटनी और सर्दियों में बाजरे की रोटी, आलू, गोभी के पराठे के साथ धनिया वाली हरी चटनी तो सोने पे सुहागा कर देती है.

मेरी ये बात सुनकर लाल चटनी न रूठ जाए. इसलिए उसके भी कुछ फ़ायदे बताती हूं. पिज़्ज़ा, फ़्रेंच फ़्राइज़, ब्रेड रोल और कुछ लोग तो ऑमलेट के साथ भी खाते हैं. मगर मुंह में जो चटकारा लगाती है वो तो हरी चटनी ही होती है.

हमारे यहां के घरों में जितने एक्सपेरीमेंट चटनी के साथ होते हैं. इतने नासा के साइंटिस्ट भी नहीं करते होंगे. किसी घर में धनिया, पुदीना, मिर्ची और नमक की चटनी बनती है तो किसी घर में पुदीना, दही, हरी मिर्च और नमक मिलाकर. बने कैसे भी मगर इश्क़ तो हर रूप में होती है हरी चटनी. 

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हरी चटनी से तो ऐसा नाता है कि अगर खाने से गुस्सा हूं और दिख गई मुझे तो गुस्सा ग़ायब हो जाता है तो खाने पर टूट पड़ती हूं. मेरा ही नहीं आप लोगों का भी यही हाल होता है. उसका तीखापन, ज़बान में वो चटकारा ये सब तो बस हरी चटनी ही दे सकती है. 

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इतना ही नहीं सलमान रुश्दी की नॉवेल ‘Midnight Children’ में हरी चटनी का महत्व समझाया गया था. कैसे वो ट्रैवलिंग के लिए ज़रूरी थी? जैसे हमारे खाने में उसकी आवश्यकता होती है.

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हरी चटनी के बारे में लिखते-लिखते मेरे तो मुंह में पानी आ गया है. इससे पहले की पानी मेरे लैपटॉप पर टपक जाए. मैं अब आप लोगों से पूछती हूं कि आपके जीवन में हरी चटनी का क्या महत्व? हमें कमेंट बॉक्स में बताइएगा ज़रूर.

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