Sonam From Varanasi Helps Stray Animals: घर में रहने वाले पालतू जीवों को रखने और उनका ध्यान रखने वालों की कमी नहीं है, लेकिन सड़कों व गलियों में घूमने वाले बेसहारा जीवों के बारे में सोचने वाले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं. अक्सर, ऐसे बेसहारा जीव कभी इंसानों के द्वारा चोटिल हो जाते हैं, तो कभी भूख लगने पर इंसानों द्वारा फ़ेंका गया कचरा खा जाते हैं और बीमार पड़ जाते हैं.
आइये, अब विस्तार से पढ़ते हैं (Sonam From Varanasi Helps Stray Animals) आर्टिकल
100 से ज्यादा जानवरों का इलाज
हम जिनकी बात कर रहे हैं उनका नाम है सोनम, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली हैं. सोनम पशु-पक्षियों से बेहद प्यार करती हैं. वो किसी जानवर का दर्द नहीं देख सकती हैं. वहीं, कोई जानवर उन्हें घायल दिख जाए, तो उसका इलाज वो ख़ुद करवाती हैं. जानकर हैरानी होगी कि वो अब तक 100 से ज़्यादा बेसहारा जानवारों का इलाज करवा चुकी हैं.
कब शुरू हुआ सोनम का ये सफ़र?
Sonam From Varanasi Helps Stray Animals: बेसहारा जानवरों के इलाज का उनका ये सफ़र साल 2018 से शुरू हुआ. एक मीडिया संगठन से बातचीत में उन्होंने बताया कि 2018 में उन्होंने पहली बार एक घायल कुत्ते का इलाज किया था. कुत्ते के पैर से खून निकल रहा था और वो दर्द से इधर-उधर भाग रहा था. कुत्ते ये हालत सोनम से देखी न गई और वो उसे तुरंत अस्पताल लेकर गईं. उनके पास डॉक्टर की फ़ीस के पैसे भी नहीं थे, तो उन्होंने अपनी स्कूल की फ़ीस के पैसों से कुत्ते का इलाज करवाया. इसकी वजह से उनके माता-पिता ने उन्हें डाटा भी था, लेकिन जब उन्हें ये पता चला कि कुत्ते के इलाज के लिए उन्होंने फ़ीस के पैसे ख़र्च किए, तो उन्होंने बेटी की तारीफ़ की.
अपने ख़र्च पर करती हैं सारा काम
Sonam From Varanasi Helps Stray Animals: चाहे पक्षी हो, कुत्ता हो या अन्य कोई बेहसारा जानवर, सोनम अपने ख़र्च पर उनके खाने के इंतज़ाम के से लेकर उनके इलाज का काम करती हैं. सोनम ने हाल ही में घर-घर पानी पहुंचाने का काम शुरू किया है, जिससे उन्हें थोड़ी बहुत आमदनी हो जाती है.
मेरी कोशिश यही रहती है कि जानवर को तुरंत इलाज मिले और वो सड़क पर न मरे, मैं किसी जानवर को मरते नहीं देख सकती
-सोनम
लॉकडाउन में भी मदद करना नहीं छोड़ा
Sonam From Varanasi Helps Stray Animals: जानवरों के लिए सोनम का काम उस वक़्त भी जारी रहा जिस वक़्त कोरोना की वजह से सब कुछ बंद हो गया था, लोग घर से निकल नहीं पा रहे थे, दुकानें सीमित समय के लिए खुल रही थीं और लोगों की जॉब तक छीन गईं थी. इस दौरान भी सोनम ने लगातार अपना काम जारी रखा.
सोशल वर्क में उच्च शिक्षा प्राप्त करने चाहती हैं सोनम
सोनम मूल रूप से झारखंड की रहने वाली हैं, लेकिन काम के सिलसिले में उनके पिता को वाराणसी आना पड़ा और परिवार यहीं शिफ़्ट हो गया. यही वजह है कि सोनम का जन्म और परवरिश वाराणसी में ही हुई. उनके पिता घर-घर अखबार पहुंचाने का काम करते हैं. वहीं, परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी एक बहन और एक भाई भी है. सोनम बी.कॉम कर रही हैं और आगे सोशल वर्क में उच्छ शिक्षा ग्रहण करना चाहती हैं.