इस अद्भुत दुनिया में जब कुछ कल्पना से परे चीज़ें सामने आती हैं, तो मुंह से बस यही निकलता है, ओह माय गॉड! क्या ऐसा भी होता है? जी हां, धरती अजूबों से भरी है और हमारी कोशिश रहती है कि हम उन अजूबों से आपको रूबरू कराएं. हमने अपने कई लेखों में धरती पर मौजूद कई रहस्यमयी व कई अनोखी चीज़ों के बारे में आपको बताया है. साथ ही कई अनसुने तथ्यों को भी आपके सामने रखा है.
इसी क्रम में हम आपको एक ऐसे ज़हरीले पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका अगर कांटा इंसान को चुभ जाए, तो उसे मौत के ख़्याल आने लगते हैं. आइये, जानते हैं इसकी हक़ीक़त.
एक अजीबो-ग़रीब ऑस्ट्रेलियाई प्लांट
इस प्लांट का नाम है डेंड्रोक्नाइड मोरोइड्स (Dendrocnide Moroides). यह ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्वी वर्षावनों में पाया जाता है. इसे कई नामों से जाना जाता है, जैसे स्टिंगिंग ब्रश, मलबेरी-लिव्ड स्टिंगर, जिम्पाई, जिम्पाई स्टिंगर, द सुसाइड प्लांट और मूनलाइटर. Gympie-gympie इसका कॉमन नाम है. यह बिछुआ परिवार ‘उर्टिकेसी’ से संबंध रखता है.
भरे हुए हैं कांटे
जैसा कि हमने बताया कि यह बिछुआ परिवार से संबंध रखता है और यह पूरी तरह से छोटे-छोटे कांटों से ढका हुआ रहता है.
छोड़ता है ज़हर
जिस तरह किसी ज़हरीले सांप में ज़हर मौजूद होता है, उसी तरह इस पौधे के बारीक कांटों में भी न्यूरोटॉक्सिन ज़हर पाया जाता है. अगर ग़लती से भी कोई इंसान या अन्य जीव इसके संपर्क में आ जाते हैं, तो कांटों के जरिए ज़हर त्वचा में पहुंचा जाता है.
पर खाए जाते हैं फल
भले इसे दुनिया के ज़हरीले पौधों की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन इसके फल इंसानों के खाने के लिए सुरक्षित है, बशर्ते कांटें पूरी तरह से हटे हुए हों.
क्यों कहा जाता है इसे सुसाइड प्लांट?
जानकार हैरानी होगी कि अगर इसके कांटे इंसान को चुभ जाएं, तो चुभने वाले को असहनीय दर्द होता है, जो लगातार कुछ घंटों से लेकर 2 दिनों तक भी रह सकता है. इसके अलावा, सूजन के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं. कई मामलों में इसके दर्द को पूरी तरह कम होने में कई महीने और साल भी लग जाते हैं. वहीं, कई बार असहनीय दर्द से जूझ रहे लोगों के मन में आत्महत्या के ख़्याल भी आने लगते हैं. इसलिए, इसे ‘सुसाइड प्लांट’ के नाम से भी जाना जाता है. सोचिए, कितना ख़तरनाक पौधा है यह!
एक पीड़ित का कहना था कि उसे दो दिन तक असहनीय दर्द हुआ. वो न तो ठीक से काम कर पाया और न ही सो पाया. उसे लगातार दो सालों तक दर्द का सामना करना पड़ा. जब-जब वो नहाने जाता और पानी उसकी प्रभावित त्वचा को स्पर्श करता, उसे दर्द का सामना करना पड़ता.
हवा में भी उड़ते हैं इसके कांटे
जिन क्षेत्रों में यह ज़हरीला पौधा पाया जाता है, वहां सुरक्षा के साथ पेड़ों की कटाई का काम किया जाता है. दरअसल, कटाई के दौरान इसके पौधों के बारीक कांटे हवा में उड़ने लगते हैं, जिससे बिना सुरक्षा के साथ काम कर रहे व्यक्ति प्रभावित हो सकते हैं. कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिसमें बिना सुरक्षा के साथ काम करने वाले व्यक्तियों को नाक से ख़ून आना, बहती नाक व गले में जलन जैसी तकलीफ़ों से गुज़रना पड़ा.