‘ताज महल’, दुनिया का सातवां सबसे ख़ूबसूरत अजूबा. ताज महल (Taj Mahal) वो जादुई इमारत है, जिसे हर कोई पास से निहारना चाहता है. शाहजहां की ये अमानत बहुत से लोगों की मोहब्बत की गवाह भी है. ताजमहल जितना ख़ूबसूरत है, उतना ही रहस्यमी भी है. इस ऐतिहासिक इमारत के कई से ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें अब तक सुलझाया नहीं जा सका है.

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अब तक हम आपसे ताज महल से जुड़ी कई जानकारी साझा भी करते आये हैं. आज भी हम आपको ताजमहल को लेकर वो बात बताने आये हैं, जिसके बारे में आपने अब तक ध्यान नहीं दिया होगा. क्या आपने कभी सोचा है कि सदियों बाद भी ताजमहल में कोई लाइट क्यों नहीं लगाई गई?

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ताजमहल में क्यों नहीं लगी हैं लाइट्स?

हम सब जानते हैं कि ताजमहल को सफ़ेद संगमरमर पत्थर से बनाया गया है. साइंस के मुताबिक, सफ़ेद रंग लाइट को सबसे अधिक मात्रा में रिफ़्लेक्ट करता है. इसलिये अगर रात के समय ताज महल पर ब्राइट लाइट्स को डाला जाये, तो वो लाइट (Lights) को रिफ़्लेक्ट ज़रूर करेगा. इस कारण रात में ताजमहल काफ़ी ज़्यादा चमकेगा. इस कारण वहां मौजूद कीड़े-मकौड़े भी लाइट की तरफ़ आकर्षित होंगे.  

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इसके साथ ही वो कीड़े ताजमहल की दीवारों पर भी आ चिपकेंगे. लाइट की वजह से इमारत पर चिपके ये कीड़े उसके पत्थरों को भी ख़राब कर सकते हैं. वैसे ही ताज महल प्रदूषण की वजह से काफ़ी ख़राब हो जाता रहा है. ऐसे में अगर वहां लाइट्स लगा दी जाती है, तो ताजमहल और ज़्यादा ख़राब हो जायेगा. ये बात हुई वैज्ञानिक कारण की.  

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अब बात करते हैं Arcology की. Archaeologist के मुताबिक, ताजमहल को बनाते समय इस बात का ध्यान रखा गया था कि ये इमारत चांद की रौशनी में चमके. इसलिये अगर ताजमहल में आर्टिफ़िशियल लाइट्स लगा दी जाती हैं, तो इसकी असल ख़ूबसूरती ख़त्म हो जायेगी.  

बस इन्हीं कारणों से आज तक तामहल में आर्टिफ़िशियल लाइट्स नहीं लगाई गई हैं. अगली बार आगरा (Agra) घूमने जाना, तो ध्यान देना.