बच्चों (Kids) की परवरिश करना आसान काम नहीं है. बच्चे एक ही वक़्त में ख़ुश, उदास, कन्फ़्यूजिंग और भ्रमित करने वाले हो सकते हैं. कुल मिलाकर ये माता-पिता के लिए अबूझ पहेली जैसे होते हैं. इनको ख़ुश रखना बड़ा ही मुश्किल टास्क है.

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इसलिए बहुत से पैरेंट्स अपने बच्चे की अच्छे से देखभाल करने के लिए किताबों का सहारा लेते हैं. मार्केट में बहुत सारी Parenting Books हैं, जो इस संदर्भ में आपकी मदद कर सकती हैं. चलिए जानते हैं इनमें से बेस्ट पैरेंटिंग बुक चुनते समय ध्यान रखने वाली टिप्स के बारे में…

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1. किसने और क्यों लिखी? 

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पैरेंटिंग बुक लिखने के लिए किसी का डिग्री धारक या अनुभवी होना ज़रूरी नहीं. ना ही ज़्यादा बच्चों की परवरिश करने वाला इसके लिए सही है. इसलिए जब भी ऐसी किताब ख़रीदें तो ध्यान रखें कि ये किसने और क्यों लिखी है. ऐसे लेखक जो पैरेंटिंग में फ़ेल हुए या फिर अपनी परवरिश के बुरे बर्ताव आदि के ग़ुस्से को निकालने के लिए लिखते हैं, ऐसे लेखकों की बुक ख़रीदने से बचें. 

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2. क्या ये Parenting Book विज्ञान पर आधारित है? 

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मनोवैज्ञानिक और पालन-पोषण विशेषज्ञ Laurence Steinberg का कहना है कि विज्ञान ने कई वर्षों तक इस पर अध्ययन किया है. इसके द्वारा बनाए गए नियम सटीक भी बैठते हैं. इसलिए पैरेंटिंग बुक का विज्ञान पर बेस्ड होना ज़रूरी है. इसे चेक करने के लिए क़िताब के उद्धरण, शोधकर्ताओं के नाम, स्रोत और इंडेक्स को देखें. पैरेंटिंग के ये सेट रूल्स भी उस किताब में होने चाहिए जैसे सुसंगत रहना, प्यार करना, बच्चों के साथ सम्मान से पेश आना, नियम बनाना, और कठोर अनुशासन से बचना.

3. क्या ये पढ़ने में रोचक या मज़ेदार है? 

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अगर बुक पढ़ने में मज़ेदार नहीं है तो आप उसे शायद ही ख़त्म कर पाएंगे और फिर कुछ सीखने की बात तो भूल ही जाइए. इसलिए किताब ख़रीदने से पहले उसका पहला पन्ना पढ़ें फिर बीच से कोई पेज पढ़ देखें की वो रोचक है कि नहीं. ध्यान रखें कि उस बुक को छोटे-छोटे अंतराल में पढ़ा जा सकता हो और वो आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाली हो.

4. क्या ये यथार्थवादी है? 

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ऐसी बुक से दूर ही रहें जो बताती है उनके तरीके ही बेस्ट हैं, जबकि आज़माने पर वो टिक न पाते हैं. जो अपने तरीकों के असफल होने के बजाए आप में ही दोष निकाले. एक पैरेंटिंग पुस्तक संदर्भ और जटिलता की सराहना करती है और पाठक को बताती है कि उसमें बताए गए सभी उपाय या प्रश्नों के जवाब सही नहीं हैं. ये सुनिश्चित करें की उनमें जो उपाय बताए गए हैं वो किए जा सकने योग्य हैं या नहीं. 

5. क्या बुक आपको प्रेरित करती या आपके अंदर आशाएं जगाती है? 

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कुछ पुस्तकों का नाम वैसा ही होता है जिस समस्या से आप जूझ रहे हैं होते हैं. इनसे बचना चाहिए. क्योंकि कई बार इनमें लिखे सख्त नियम पैरेंट्स को अवसाद और तनाव में डाल देती हैं. इसलिए ऐसी बुक ख़रीदें जो आपको प्रेरित करें और आशावादी बनाए.

आप या आपके जानकारी में कोई भी पैरेंटिंग बुक (Parenting Book) ख़रीद रहा तो उससे ये टिप्स ज़रूर शेयर करना.