लॉकडाउन में हर किसी का रुटीन बदल गया है. न समय पर सोकर उठना और न ही सही समय पर खाना खाना. इस वजह से सभी का Circadian Rhythm भी बिगड़ गया है. ज़ाहिर सी बात है कि ये कोई अच्छा संकेत नहीं है. हमें ख़ुद के रुटीन पर काबू पाना होगा, जिससे आने वाले समय में शारीरिक दिक्कतों से न जूझना पड़े.
चलिये जानते हैं कि हम कैसे अपनी बिगड़ी Circadian Rhythm (हमारे शरीर की आतंरिक प्रक्रिया जो सोने-जागने में मदद करती है) यानि बॉडी क्लॉक को वापस ट्रैक पर ला सकते हैं:
1. सूर्योदय और सूर्यास्त का आनंद लें
सामान्य दिनों हम सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों ही देख पाते थे. इस वजह से ऑटोमैटिकली बॉडी क्लॉक लय में रहती है. वहीं अब घर में बंद होने की वजह से ये लय टूट गई है. सूर्योदय और सूर्यास्त का आनंद लें और टूटी लय को वापस से ट्रैक पर लायें.

2. सही समय पर खाना खायें
बेवक़्त खाना खाने से भी हमारी बॉडी क्लॉक यानि Circadian Rhythm पर भी काफ़ी फ़र्क पड़ता है. इसीलिये बेहतर होगा कि आप बाकि काम छोड़ कर खाने के रुटीन को प्राथमिकता दें.

3. दिन में न सोएं
‘करने को बचा ही क्या है, तो थोड़ी देर सो ही लेते हैं.’ यही कारण है कि आपको रात में देर से नींद आती है और स्लीपिंग प्रॉब्लम हो जाती है. कुछ काम हो न, पर दिन में सोने से बचें.

4. व्यायाम
एक्सरसाइज़ करने से शरीर थकता है, जिससे जल्दी नींद आ जाती है. इसके साथ ही शरीर भी फ़िट रहेगा.

5. कैफ़ीन का सेवन कम करें
कैफ़ीन वैसे भी हमारी सेहत के लिये अच्छा नहीं होती. बेहतर होगा अगर इस सेवन कम कर दें. ख़ासकर दिन के समय में चाय या कॉफ़ी का सेवन बिल्कुल न करें.

6. सूर्य डूबने के बाद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बना लें
हांलाकि, ये सभी के लिये थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि रात में जब तक फ़ोन हमारे मुंह पर न गिरे, तब तक हमें चैन नहीं आता. सूर्यास्त होने के बाद फ़ोन और टीवी से थोड़ा बचें.

7. दिनचर्या का पालन करें
एक बेहतरीन लाइफ़स्टाइल के लिये ज़रूरी है कि सख़्त दिनचर्या का पालन करें. समय पर खाना खाएं, एक्सरसाइज़ करें और सोएं.

अगर आप इन चीज़ों का ख़्याल रखेंगे, तो निश्चित है कि जब लॉकडाउन ख़त्म होगा तो आपको शारीरिक रूप से कोई दिक्कत नहीं होगी.
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