What is Cerebral Palsy: Microsoft CEO सत्य नडेला के 25 वर्षीय बेटे Zain Nadellaका निधन हो गया है. जानकारी के अनुसार, वो जन्म से ही Cerebral Palsy नामक एक घातक बीमारी से पीड़ित थे. ऐसे में जानना ज़रूरी हो जाता है कि क्या है सेरेब्रल पाल्सी, सेरेब्रल पाल्सी के कारण और सेरेब्रेल पाल्सी के लक्षण क्या-क्या होते हैं. पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक ज़रूर पढ़ें.
आइये, अब विस्तार से जानते हैं कि आख़िर क्या है सेरेब्रल पाल्सी (What is Cerebral Palsy).
क्या है सेरेब्रल पाल्सी (What is Cerebral Palsy)?
What is Cerebral Palsy : सेरेब्रल पाल्सी विकारों का एक समूह है, जो शरीर की मूवमेंट, पोश्चर व संतुलन की समस्या का कारण बनता है. वहीं, बहुत से मामलों में ये सुनने और देखने की क्षमता पर भी बुरा प्रभाव डालता है. इसे बच्चों में एक आम Motor Disability माना गया है. सीडीसी के अनुसार, ये विकार पूरे विश्व में 1000 बच्चों में 1 से लेकर 4 बच्चों को अपना शिकार बनाता है.
इसका शाब्दिक अर्थ समझें, तो सेरेब्रल का मतलब होता है दिमाग़ी या मस्तिष्क से जुड़ा और पाल्सी का मतलब होता है कमज़ोरी या बॉडी मूवमेंट से जुड़ी समस्या. ये विकार मुख्य रूप से Cerebral Motor Cortex को प्रभावित करता है, जो कि ब्रेन का एक ही एक अंग होता है और मांसपेशियों की गति को निर्देश देने का काम करता है.
सेरेब्रल पाल्सी के प्रकार – Types of Cerebral Palsy in Hindi
क्या है सेरेब्रल पाल्सी (What is Cerebral Palsy) जानने के बाद अब जानते हैं कि सेरेब्रल पाल्सी के प्रकार कितने होते हैं. सीडीसी के अनुसार, ये विकार मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है, जिन्हें नीचे विस्तार से बता रहे हैं:
1. Spastic Cerebral Palsy: इसे सेरेब्रल पाल्सी का सबसे आम प्रकार माना गया है. ये कठोर मांसपेशियों और तकलीफ़दायक बॉडी मूवमेंट का कारण बनता है. कभी-कभी ये सिर्फ़ किसी एक बॉडी पार्ट को प्रभावित करता है, तो कभी-कभी दोनों हाथों, दोनों पैरों, धड़ या चेहरे को प्रभावित कर सकता है.
2. Dyskinetic cerebral palsy: इसमें पीड़ित को हाथ, पैर, बांह और पैरों की गति को नियंत्रित करने में समस्या होती है, जिससे बैठना और चलना मुश्किल हो जाता है. वहीं, कभी-कभी इसमें चेहरा और जीभ जैसे अंग भी प्रभावित होते हैं, जिससे व्यक्ति को चूसने, निगलने और बात करने में परेशानी का सामना करना होता है.
3. Ataxic Cerebral Palsy: इसमें पीड़ित को शरीर के संतुलन और समन्वय यानी कोर्डिनेशन से जुड़ी समस्या का सामना करना होता है.
4. Mixed Cerebral Palsy: इसमें सेरेब्रल पाल्सी के एक से अधिक प्रकार के लक्षण देखे जाते हैं. इसका सबसे आम प्रकार है Spastic-Dyskinetic Cerebral Palsy.
सेरेब्रल पाल्सी के कारण – Causes of Cerebral Palsy in Hindi
मस्तिष्क का सही से विकास न हो या विकसित ब्रेन से जुड़ी को इंजरी यानी चोट सेरेब्रल पाल्सी (What is Cerebral Palsy) के होने का कारण बन सकती है. ब्रेन डैमेज की वजह से मस्तिष्क का वो भाग प्रभावित होता है, जो बॉडी मूवमेंट, पोश्चर व कोर्डिनेशन को नियंत्रित करने का काम करता है. ये ब्रेन डैमेज जन्म से पहले, जन्म के दौरान या जन्म से एक साल के बीच हो सकता है. हालांकि, इसके होने की सटीक वजह का पता अभी तक नहीं लग सका है, फिर भी निम्नलिखित कुछ कारणों को इसका ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है :
1. प्रसव के दौरान मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी
2. जीन म्यूटेशन, जिसके कारण ब्रेन का विकास ठीक से नहीं हो पाता है.
सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण – Symptoms of Cerebral Palsy in Hindi
सेरेब्रल पाल्सी (What is Cerebral Palsy) से पीड़ित बच्चों में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और माइल्ड और गंभीर स्थिति पर भी निर्भर करते हैं. आइये, नीचे जानते हैं इसके कुछ आम लक्षण :
1. मोटर स्किल में देरी जैसे ख़ुद से बैठना या लुढ़कना.
2. मसल्स टोन में अंतर, जैसे अधिक कठोर या पिलपिली (Floppy).
3. चलने में परेशानी.
4. मांसपेशियों में समन्वय बनाए रखने में कमी.
5. निगलने में परेशानी.
6. अत्यधिक लार का टपकना.
7. तंत्रिका संबंधी समस्याएं जैसे दौरा पड़ना, बौद्धिक अक्षमता और अंधापन.
8. बोलने में परेशानी.
नोट : कुछ बच्चे सेरेब्रल पाल्सी के साथ ही जन्म लेते हैं और कुछ महीने या साल तक उनमें इसके लक्षण भी शायद दिखाई न दें.
सेरेब्रल पाल्सी का निदान – How is Cerebral Palsy Diagnosed in Hindi
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सेरेब्रल पाल्सी (What is Cerebral Palsy) का निदान Electroencephalogram (EEG), MRI Scan, CT Scan, Ultrasound व ब्लड सैंपल की मदद से किया जा सकता है.
सेरेब्रल पाल्सी के जोखिम कारक – Risk Factor of Cerebral Palsy in Hindi
निम्नलिखित स्थितियां नवजात में सेरेब्रल पाल्सी का कारण बन सकती है :
1. निर्धारित समय से पहले बच्चे का जन्म
2. जुड़वा बच्चों का जन्म
3. जन्म के समय बच्चे का कम वजन
4. ब्रीच बर्थ यानी डिलीवरी के वक़्त बच्चे के पैर पहले आना न कि सिर.
5. प्रेगनेंसी के दौरान मां का किसी टॉक्सिक तत्व से संपर्क में आना.