Why Banks Operate From Rented House: दुनिया के हर एक इंसान के लिए ख़ुद का घर होना बड़े सम्मान की बात होती है. आज के दौर में आम लोगों के लिए घर बनाना किसी सपने से कम नहीं होता. इसीलिए हमारे जैसे आम लोगों के लिए ‘सपनों का घर’ बेहद मायने रखता है. हमें इसके लिए पूरी ज़िंदगी लगना पड़ता है तब जाकर एक छोटा घर मिल मिल पाता है. लेकिन ये घर भी हमें बैंक से लोन लेकर ख़रीदना पड़ता है, जिसकी किश्त ज़िंदगी भर चुकानी पड़ती है.

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आम आदमी बैंक से होम लोन (Home Loan) लेकर अपने सपनों का घर बनवाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के सभी बड़े बैंक (सरकारी व प्राइवेट) ख़ुद किराए की बिल्डिंग्स से ऑपरेट होते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अपना मकान बनाने की तुलना में किराए के मकान में रहना फ़ायदेमंद है? 

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बैंक प्रॉपर्टी के आधार पर देता है लोन

भारत में ख़ुद की प्रॉपर्टी होना सम्मान की बात मानी जाती है. इससे व्यक्ति की प्रतिष्ठा बढ़ती है. लोग ही नहीं, बल्कि बैंक भी ऐसे लोगों पर आसानी से विश्वास करते हैं. आपने देखा होगा कि बैंक अक्सर प्रॉपर्टी के आधार पर ही लोन देता है और ग्राहक से इसके बदले ब्याज के रूप में एक मोटी रकम वसूलता है. लेकिन इस दौरान हैरान करने वाली बात ये है कि जो बैंक हर किसी को घर के लिए ‘होम लोन’ बांटता फिरता है बावजूद इसके वो किराये किराए की बिल्डिंग से क्यों ऑपरेट होता है?

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ये है असल कारण 

भारत में ऐसा कोई लिखित या आधिकारिक प्रावधान नहीं है कि बैंक को किराए के भवन से ही संचालित किया जाना चाहिए. ये एक पुरानी परंपरा है, जिसका पालन लगातार बैंकों द्वार किया जा रहा है. दरअसल, शुरुआत में जब बैंक खोले गए तो सबकी अपनी बिल्डिंग ना होने के कारण ये किराए के मकान में खोले गए. लेकिन बाद में बैंकों ने इसे परंपरा की तरह अपना लिया.

इसके पीछे एक कारण ये भी है कि बैंक का मुख्य कार्य कम ब्याज दर पर पैसे लेना व ऊंची ब्याज दर पर उधार देना है, न कि जमाकर्ताओं के पैसे से स्थायी संपत्ति में निवेश करना. इसलिए बैंक हमेशा कोशिश करता है कि किराये की बिल्डिंग में ही अपना कार्यालय खोले. हालांकि, बैंक इसके लिए बाध्य नहीं हैं.

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बैंकों को अपनी पॉलिसी बदलने की जरूरत

बैंकिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में ऐसा अच्छी पॉलिसी की कमी के कारण होता है. लेकिन अब बैंकों को प्रॉपर्टी के मामले में अपनी ये पॉलिसी बदल देनी चाहिए. भारत जैसे देश में जहां आंगनबाड़ी से लेकर ग्राम पंचायतों के लिए भी भवन बने हुये हैं, उसी देश में सरकारी बैंकों के ख़ुद के भवन नहीं है.