भारत में कई ऐसे रिवाज हैं, जो सदियों से चले आ रहे हैं. लोग आज भी इनका पालन करते हैं, लेकिन शायद ही सब इन रिवाजों का मतलब समझते हों. अब जैसे शादियों में विदाई के वक़्त दुल्हन पीछे की ओर चावल फेंकती है. आपने कभी सोचा है कि आख़िर इस रिवाज़ का क्या मतलब है? (Why Indian Bride Throw Rice During Her Vidaai)

postoast

जानिए क्या है विदाई के वक़्त चावल फेंकने की रस्म

हिंदुओं में जब दुल्हन की विदाई होती है, तो वो घर से निकलने से पहले हाथों में चावल लेकर पीछे की ओर फेंकती है. इस दौरान परिवार वाले अपने पल्लू या हाथों में इन चावलों को इकट्ठा करता है. दुल्हन को पांच बार अपने दोनों हाथों से चावल को पीछे की ओर फेंकना होता है. रस्म के मुताबिक, इस दौरान दुल्हन को पीछे मुड़कर नहीं देखना होता है और ये चावल जिसके-जिसके पास जाता है, उसे इन्हें काफी संभालकर रखना होता है.

shaadisaga

आख़िर क्यों निभाई जाती है चावल फेंकने की रस्म?

इस रस्म के कई मायने हैं. पहले तो हिंदू धर्म में लड़कियों को मां लक्ष्मी का रूप मानते हैं. इसलिए मान्यता है कि बेटियां जिस घर में हैं, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है. ऐसे में जब लड़की शादी कर मायका छोड़ रही होती है, तो वो पीछे की ओर चावल फेंकती है. इसका मतलब है कि वो कामना कर रही है कि उसका मायका धन-संपत्ति से भरा रहे.

Why Indian Bride Throw Rice During Her Vidaai

Quora

मान्यता ये भी है कि चावल फेंकने के मतलब है कि भले ही दुल्हन मायका छोड़कर जा रही हो, लेकिन इन चावलों के रूप में वो अपने मायके के लिए दुआएं मांगती रहेगी. मायके के पास ये चावल दुल्हन की दुआएं बनकर हमेशा रहेंगे. ये भी कहा जाता है कि ये रस्म एक तरह से दुल्हन के द्वारा अपने घर वालों को धन्यवाद कहने का तरीका है. क्योंकि, उन्होंने उसकी परवरिश की. कुछ लोगों का ये भी मानना है कि चावल फेंकने से उसके मायके को किसी की बुरी नज़र नहीं लगती है. 

Why Indian Bride Throw Rice During Her Vidaai

brides

बता दें, चावल फेंकने की रस्म सिर्फ़ हिंदुओं में ही नहीं है. बल्कि सिख और ईसाई भी इस रस्म को निभाते हैं. हालांकि, ईसाईयों में चावल दुल्हन नहीं फेंकती, बल्क़ि लोग नवविवाहित जोड़े को समृद्धि, उर्वरता और सौभाग्य का आशीर्वाद देने के लिए उन पर चावल की बारिश करते हैं.

ये भी पढ़ें: शादी के ऐसे 8 वचन जिन्हें पढ़कर मम्मी-पापा को ग़ुस्सा और मिलेनियल्स को हंसी आयेगी

इस रस्म में चावल ही क्यों फ़ेंकते हैं?

चावल सिर्फ़ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य देशों के आहार का मुख्य हिस्सा है. हिंदू धर्म में चावल को धन-संमृद्धि का प्रतीक माना जाता है. साथ ही, ये सुख, सम्पन्नता और उर्वरत का भी प्रतीक होता है. ऐसे में विदा होते समय अपने परिवार के लिए दुल्हन सुख और सम्पन्नता भरे जीवन की कामना करती है, इसलिए इस रस्म के लिए चावल का इस्तेमाल बेहतर माना जाता है.