आपने गुंडा शब्द कई बार सुना और बोला होगा. अगर फ़िल्मों के शौक़ीन हैं, तो फिर गुंडा मूवी तो आपकी फ़ेवरेट ही होगी. अगर नहीं भी, तो आपने इंदिरानगर के गुंडे राहुल द्रविड़ की गुंडागर्दी तो देखी हो होगी. मतलब ये है कि आप जानते हैं कि हर वो शख़्स जो बदमाशी, दादागिरी या लड़ाई-झगड़े करता है, हम उसे गुंडा ही बुलाते हैं. यानि हम इस शब्द का इस्तेमाल फ़िल्मों से लेकर असल जीवन में भी नकारात्मक ढंग से करते हैं. 

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मगर कभी आपने सोचा है कि आखिर इस शब्द का इस्तेमाल कैसे शुरू हुआ और इसका वास्तव में अर्थ क्या है? और सबसे महत्वपूर्ण बात कि क्या वाक़ई गुंडा शब्द का नकारात्मक अर्थ होता है?

पश्तो भाषा से आया गुंडा शब्द?

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गुंडा शब्द को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है. कुछ इसे पश्तो भाषा का शब्द मानते हैं. उनका कहना है कि पश्तो में गुंडे का मतलब बदमाश शख़्स होता है. यही वजह है कि इसका इस्तेमाल भारत में भी नकारात्मक रूप से होने लगा. मगर कुछ का कहना है कि इस शब्द का पश्तो भाषा से कुछ भी लेना-देना नहीं है. यहां तक कि साल 1910 से पहले इस शब्द को लोग जानते ही नहीं थे. 

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एक बग़ावती के नाम पर पड़ा गुंडा शब्द?

कहते हैं कि साल 1910 में बस्तर के गुंडा धुर नाम के एक शख़्स ने अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ बग़ावत की. उसने तय कर लिया कि वो अंग्रेज़ों को भगाकर रहेगा. अंग्रेज़ी सरकार की नज़र में गुंडा धुर एक अपराधी व्यक्ति थे. ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि उन्हीं के नाम पर ये गुंडा शब्द प्रचलित होने लगा. 1920 से तो अंग्रेज़ी अख़बारों में इस शब्द का इस्तेमाल बदमाश व्यक्तियों के लिए काफ़ी होने लगा. 

तो क्या वाक़ई गुंंडा एक नकारात्मक शब्द है?

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गुंडा शब्द का असली मतलब जानने से पहले हम ये समझ लें कि इसका मूल शब्द क्या है. दरअसल, गुंडा शब्द गुंड से बना है. इसका अर्थ होता है उभार या गांठ. मतलब किसी प्लेन जगह पर अगर कोई उभार या मोटी गांठ नज़र आती है, तो उसके लिए गुंड या गुंडा शब्द यूज़ होता है. यहीं से इस शब्द का इस्तेमाल सामाजिक जीवन में भी देखा जाने लगा. मसलन, अगर कोई शख़्स समाज में दूसरों से कुछ बेहतर करता है या यूं कहें कि वो लोगों के बीच से उभर कर आता है, तो उसके लिए गुंडा शब्द का इस्तेमाल होता है. यानि ये शब्द नकारात्मक न होकर, किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के लिए सकारात्मक ढंग से इस्तेमाल होता है. 

साउथ इंडिया में भी गुंडा शब्द का इस्तेमाल किसी बदमाश के लिए न होकर शूरवीरों के लिए होता है. मराठी में भी इस शब्द का पॉज़िटिव तरीके से इस्तेमाल होता है. मसलन, वहां गांव के नायक और योद्धा के लिए ‘गांव-गुंड’ जैसे शब्द का इस्तेमाल होता है. यानि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो लोगों में प्रमुख है और नेतृत्व करने वाला है, उसके लिए गुंडा शब्द इस्तेमाल होता है.

ऐसे में कहा जा सकता है कि गुंडा शब्द को लेकर अलग-अलग अर्थ प्रचलित हैं. साथ ही, इसका मतलब सिर्फ़ नकारात्मक ही नहीं है. बहुत सी भाषाओं में इसका सकारात्मक अर्थ भी है. हालांकि, आम बोलचाल की भाषा में अब इसका इस्तेमाल नकारात्मक रूप से ही किया जाने लगा है.