उज्जैन जाना जाता है अपने मंदिरों के लिए. यहां शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है. ज़्यादातर भारतीय इसके बारे में जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि यहां एक ऐसी मूर्ती है, जिससे आवाज़ें आती हैं.

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ये मूर्ती है भगवान विष्णु की चतुष्टिका. इसे चतुष्टिका इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें भगवान विष्णु के चारों अवतार एक साथ हैं. ये काफ़ी दुर्लभ मूर्ती है, धर्म के लिहाज़ से भी और शिल्पशास्त्र की दृष्टि से भी. जिस मंदिर में ये मूर्ति रखी है, वो कालभैरव मंदिर रोड पर बने गढ़कालिका मंदिर के पास स्थित विष्णु चतुष्टिका मंदिर है. इस मंदिर के चारों द्वारों पर ताले लगे रहते हैं. देखने में ये मंदिर इतना उत्कृष्ट नहीं है, लेकिन इसका महत्व इस मूर्ती और उससे निकलने वाले संगीत की वजह से है. सिर्फ़ इस एक मूर्ती की वजह से मंदिर की सुरक्षा में दिन में एक सुरक्षाकर्मी और रात में एक सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहता है.

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इतनी चौकस सुरक्षा का कारण है इस मूर्ती के पत्थर से आने वाला Music. ये माना जाता है कि अगर इस मूर्ती के हाथ और शंख को धीरे से ठोका जाए, तो उससे संगीत निकलता है. वैसे इस बात को सुन कर इस पर यकीन करना तब तक संभव नहीं, जब तक हम इसे ख़ुद से नहीं देख लेते. मंदिर में जिस स्थान पर ये मूर्ती रखी हुई है, उस जगह के ताले विशेष आग्रह पर ही खोले जाते हैं. भक्तों को ये मूर्ती जाली के अंदर से ही देखने को मिलती है.

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