भाषा सिर्फ़ एक-दूसरे से बात करने का ही साधन नहीं, बल्कि उससे कहीं ज़्यादा है. मेरे लिए हिंदी सिर्फ़ एक भाषा नहीं है, हिंदी में ऐसे कई भाव और भावनाएं हैं, जिन्हें मैं हिंदी में ही एक्सप्रेस कर सकती हूं, अगर मैं उसे अंग्रेज़ी में बदलने की कोशिश कर भी दूं, तो भी सफ़ल नहीं हो पाऊंगी.
भाषा कोई भी हो, वो आपकी पहचान, आपकी संस्कृति और आपके अस्तित्व का बहुत ज़रूरी हिस्सा होती है. भाषा की कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं, जिन्हें अगर वैसा ही रहने दिया जाए, तो ज़्यादा अच्छा है क्योंकि कुछ चीज़ें अपनी भाषा में ही अच्छी लगती हैं.
‘ओ खोते दे पुत्तर’ बोलने की जो फ़ील पंजाबी में है, क्या वो ‘गधे के बच्चे’ में है? नहीं!
भारत बाकी देशों के मुक़ाबले ख़ुशनसीब रहा है, क्योंकि यहां इतनी सारी भाषायें, बोलियां हैं और हर भाषा की अलग ख़ूबसूरती है. इसलिए, आज International Mother Language Day पर हम आपसे कुछ भाषाओं के ऐसे मुहावरे और प्रचलित वन-लाइनर्स शेयर कर रहे हैं, जो उस भाषा में ही अच्छे लगते हैं. इसका मकसद ये बताना है कि हर भाषा ख़ूबसूरत है और उसे उसी तरह से पसंद किया जाना चाहिए.
हरियाणवी ठेठ और कड़क भाषा है, लेकिन हरियाणवी लोग उतने ही सरल
अवधी सीधी-साधी है, पर कम शब्दों में बहुत कुछ बोल जाती है
भोजपुरी में इतना रस है कि आप इससे कभी बोर नहीं होंगे
हिंदी में बीते हुए कल की सौंधी महक है, और आज की ताज़गी भी
पंजाबियों की तरह, ये भाषा ख़ुशमिजाज़ और कलरफ़ुल है
अंग्रेज़ी ‘Instant Noodles’ सी है, जल्दी से दिल में बस जाती है
मराठी में लावणी सी लचक है और वहां के मसालों का तीखापन
भाषा हम सभी की लाइफ़ बहुत Important जगह रखती है और इसे यूं ही आगे बढ़ाना हमारी ज़िम्मेदारी. आप जो भी भाषा बोलते हैं, उससे प्यार करना सीखें!