आरक्षण एक ऐसा मुद्दा है, जो कभी नेताओं की बयानबाज़ी, तो कभी राजनीतिक हालातों की वजह से अकसर विवादों के केंद्र में रहता है. हाल ही में ताजा विवाद दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा जारी मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट में पीएचडी एडमिशन की कट लिस्ट में देखने को मिला.

दिल्ली यूनिवर्सिटी की इस लिस्ट की मानें, तो इसके हिसाब से जनरल कैटिगरी में एडमिशन के लिए 94% मार्क्स और ओबीसी कैटिगरी में एडमिशन के लिए 84% मार्क्स चाहिए. वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए ये कट ऑफ 0% रखी गई है. हालांकि, पीएचडी में एडमिशन लेने के लिए कम से कम 30% से 40% मार्क्स लेने अनिवार्य हैं, पर यहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए इस अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है.

एडमिशन के बाबत यूनिवर्सिटी की तरफ़ से 223 कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की है, जिनमें से करीब 32 छात्र एससी/एसटी कैटिगरी के अंतर्गत आते हैं. यूनिवर्सिटी में एडमिशन की प्रक्रिया के लिए इंटरव्यू 31 जुलाई से शुरू हो चुके हैं, जिसकी आखिरी तारीख 4 अगस्त रखी गई है.

इस कट ऑफ़ ने एक बार फिर आरक्षण के मुद्दे पर विवाद को जन्म दे दिया है. हालांकि, अब ये देखना बाकि है कि इस पर किस तरह से राजनीति की जाती है.