संसद के मौजूदा सत्र में पर्यावरण मंत्रालय ने अपने पिछले 5 सालों के कार्य का ब्योरा दिया है. बीती 26 जुलाई को पर्यावरण राज्य मंत्री, बाबुल सुप्रियो ने लोकसभा में बताया कि पिछले 5 सालों में करीब 1 करोड़ पेड़ काटे जा चुके हैं. संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने इसकी जानकारी दी.  

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बाबुल सुप्रियो ने कहा कि 2014 से 2019 के बीच विकास को मद्दे नज़र रखते हुए मंत्रालय की तरफ़ से 1.09 करोड़ पेड़ों को काटने की परमिशन दी गई थी. आगे बताते उन्होंने कहा कि सबसे ज़्यादा यानि 26.91 लाख पेड़ 2018-19 में काटे गये. इसके अलावा उन्होंने ये बताया कि मंत्रालय के पास उन पेड़ों का डाटा नहीं है, जो जंगल में लगी आग से नष्ट हो गये.  

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अपनी बात को जारी रखते हुए सुप्रियो ने कहा कि पेड़ों की कटाई कई उद्देश्यों से की जाती है, जिसके लिये पहले Competent Authorities से परमिशन भी लेनी होती है.  

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रिपोर्ट के मुताबिक, 2014-15 में 23.3 लाख, 2015-16 में 16.9 लाख, 2016-17 में 17.01 लाख और 2017-18 में 25.5 लाख पेड़ इजाज़त लेकर काटे गये थे. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि पिछले चार वर्षों में ग्रीन इंडिया मिशन के तहत 12 राज्यों के वनीकरण और वैकल्पिक ऊर्जा के लिये 237.07 करोड़ रुपये ख़र्च किये जा चुके हैं. इसके साथ ही राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम के तहत भी 328.90 करोड़ की राशि प्रदान की गयी है.