नयी दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें यौन शोषण करने वाले एक व्यक्ति को दस साल की बच्ची ने सज़ा दिलाई. दो साल पहले इस बच्ची के साथ उसके एक रिश्तेदार ने यौन शोषण किया था. सबूतों के अभाव में उसे सज़ा दिलाने में मुश्किल आ रही थी. ऐसे में बच्ची द्वारा बनाये गए स्केच को आधार बनाते हुए, कोर्ट ने इस व्यक्ति को पांच साल की सज़ा दी.

बच्ची एक बिखर चुके परिवार से है. जब वो 8 साल की थी, तब दिल्ली में उसके एक अंकल अख्तर अहमद ने उसका यौन शोषण किया था. बच्ची अपनी आंटी के साथ दिल्ली में रह रही थी. इससे तंग आकर वो घर से भाग गयी थी.

पिछले साल जून में इस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन उसके वकील ने कहा था कि लड़की को ऐसा कहने के लिए बहकाया जा रहा है और अहमद निर्दोष है. इस केस ने तब रोमांचक मोड़ ले लिया, जब सुनवायी के समय लड़की को क्रेयोंस और पेपर दिया गया. लड़की ने एक घर और एक लड़की का चित्र बनाया. चित्र में लड़की के हाथ में बैलून थे और उसके पास एक फ्रॉक पड़ी हुई थी. उसने इस स्केच में उदास रंग भी भरे थे.

जज विनोद यादव ने इस चित्र को बच्ची को दी गयी यातनाओं का प्रमाण मानते हुए कहा, लड़की के हालातों को मद्देनज़र रखा जाये, तो उसके द्वारा बनाया गया चित्र दिखाता है कि किसी ने उसके घर में उसके कपड़े उतारे हैं. लड़की के साथ क्या हुआ है, ये साबित करने के लिए ये चित्र काफ़ी है.
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लड़की के मुजरिम को भले ही पहले सज़ा नहीं हो पायी थी, लेकिन जब से लड़की की अच्छी तरह देख-रेख की जा रही है, तब से उसमें सकारात्मक बदलाव दिख रहे हैं. लड़की 2014 में एक बस में मिली थी. इससे पहले उसके साथ बहुत कुछ बुरा हुआ था. उसकी मां की मौत के बाद, उसके शराबी पिता ने उसे छोड़ दिया था. जो आंटी उसे दिल्ली लेकर आई थीं, वो उससे एक अन्य घर में भी काम करवाती थीं. इसके बाद उसका यौन उत्पीड़न भी किया गया.

लड़की की मेडिकल जांच में भी यौन शोषण की पुष्टि हुई है. अहमद को सज़ा के अलावा, 10,000 रुपये का जुर्माना और लड़की के लिए तीन लाख रुपये की फ़िक्सड डिपोज़िट करने को भी कहा गया है. लड़की अब चिल्ड्रन होम में रह कर स्कूल जा रही है और पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन कर रही है.