इस वैलेंटाइन्स डे पर सूरत के 12 स्कूलों में एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसका नाम ‘हास्यमेव जयते’ है. इसमें सूरत के 12 स्कूलों के दस हज़ार स्टूडेंट्स ने एक अनोखी शपथ लेंगे.
शपथ है, ‘हो सकता है हमें प्यार हो जाए, लेकिन हम अपने माता-पिता की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ कभी शादी नहीं करेंगे. चाहे इसके लिए हमें अपने प्यार को भूलना पड़ जाए.’
इस कार्यक्रम के आयोजक और कई लाफ़्टर एंड क्राइंग क्लब के ओनर, लाफ़्टर थेरेपिस्ट कमल मसालावाला ने TOI को बताया, ‘सूरत के उन 12 स्कूलों में ये कार्यक्रम चलाया जाएगा, जहां लड़के-लड़कियां साथ पढ़ते हैं. इस कार्यक्रम के दौरान ये शपथ दिलाई जाएगी कि अगर उनकी लव मैरिज को लेकर माता-पिता को आपत्ति है, तो वो उनकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ शादी नहीं करेंगे.
इस कार्यक्रम के पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा, ‘कई स्टूडेंट्स प्यार में पड़ जाते हैं और जोश में आकर शादी कर लेते हैं, लेकिन वो शादी ज़्यादा लंबे समय तक चलती नहीं है. इसलिए हम चाहते हैं कि जब बच्चे अपनी ज़िंदगी का इतना अहम फ़ैसला लें, तो उसमें उनके पेरेंट्स की भी रज़ामंदी हो.’
इस कार्यक्रम का समर्थन करते हुए छात्र-छात्राएं शपथ लेने को तैयार हैं. इसके तहत संस्कार कुंज ज्ञानपीठ, पालनपुर पटिया के संस्कार भारती, स्वामी नारायण एमवी विद्यालय, सन ग्रेस विद्यालय, नवचेतना विद्यालय, प्रेसिडेंसी हाई स्कूल और ज्ञान गंगा विद्यालय सहित 15 स्कूलों को इस मुहिम में शामिल किया गया है. इनमें से अब तक 12 स्कूलों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दे दी है.
इस कार्यक्रम के एक और आयोजक कवि मुकुल चौकसी का कहना है, ‘इस कार्यक्रम के आयोजित होने के बाद जो स्टूडेंट्स लव मैरिज के ख़िलाफ़ होने के चलते अपने पेरेंट्स से लड़ाई-झगड़े करते हैं और उनकी फ़ीलिंग्स नहीं समझते. इस शपथ को लेने के बाद ये छात्र भविष्य में अपने पेरेंट्स की फ़ीलिंग्स का सम्मान करेंगे.’
इस कार्यक्रम पर अपनी राय देते हुए संस्कार भारती स्कूल की 11वीं की छात्रा ने कहा,
मैं अपने पेरेंट्स के लिए ये शपथ लूंगी, कि मैं हमेशा उनके फ़ैसले का सम्मान करूंगी. क्योंकि जो उन्होंने मेरे लिये किया है वो कभी कोई और नहीं कर सकता.
-समद्रिता बनर्जी
तो वहीं यूथ नेशन नाम का एनजीओ चलाने वाले विकास दोशी का कहना है कि, हम इस कार्यक्रम के तहत ज़्यादा स्कूलों को जोड़ने की कोशिश करेंगे. ख़ास कर Wadia Women’s college और Lourdes Convent स्कूल को.
इसके अलावा प्रेसिडेंसी स्कूल के ट्रस्टी का कहना है, कि हमारे पांच स्कूल इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं.