हमारे देश में कई इलाके हैं, जहां लोगों के पास खाने को एक दाना भी नहीं है, वो भूख से बेहाल हैं. देश में आये दिन ऐसी खबरें आती हैं कि भुखमरी से इतनी मौतें हो गईं. ऐसी ही एक ख़बर झारखंड से आ रही है, जहां एक 11 वर्षीय लड़की की मौत 8 दिनों तक खाना न मिलने के कारण हो गई, और इसका मुख्य कारण राशन कार्ड का आधार कार्ड से लिंक न होना बना.

इस बाबत कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि झारखंड के सिमडेगा जिले में पीडीएस आउटलेट्स ने एक परिवार को राशन देने से मना कर दिया क्योंकि उनके राशन कार्ड को आधार से जुड़ा नहीं होने के कारण रद्द कर दिया गया था. इसी परिवार की ग्यारह वर्षीय संतोषी कुमारी की आठ दिन तक खाना न खाने के कारण बीती 28 सितंबर को मौत हो गई थी.

Scroll in की रिपोर्ट के अनुसार, झारखण्ड के सिमडेगा जिले में स्थित Karimati गांव के लोकल राशन डीलर ने कुमारी के परिवार को ये कहकर राशन देने से माना कर दिया था कि उनका राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं किया गया है और इस वजह से राशन कार्ड अब वैध नहीं है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस परिवार के पास आधार कार्ड ही नहीं है, तो लिंक कहां से होगा. Food Campaign और NREGA Watch जैसे गैर-सरकारी संस्थाओं ने पाया कि जिले के पीडीएस आउटलेट ने 10 अन्य परिवारों के साथ कोली देवी के नाम को भी अपनी लिस्ट में से हटा दिया था, क्योंकि इस सभी परिवारों के राशन और आधार कार्ड लिंक नहीं थे. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने जलदेगा ब्लॉक ऑफ़िस से इस बात की पुष्टि की कि वास्तव में कोली देवी का कार्ड रद्द कर दिया गया था. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने इन परिवारों की परिस्थितियों को समझाते हुए नए कार्ड बनाने की अपील की, लेकिन सभी कार्ड संतोषी की मौत के 2 हफ़्ते बाद पहुंचे.

गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में केंद्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत सब्सिडी वाले राशन का उपयोग करने के लिए आधार नंबर लिंक कराना अनिवार्य कर दिया था.

मृतका की मां का कहना था,

‘दुर्गा पूजा की छुट्टियों के चलते स्कूल बंद हो गया था, इस वजह से आमतौर पर संतोषी को मिलने वाला मिड-डे मील भी नहीं मिल पा रहा था. रिपोर्ट के अनुसार, मृतका के पिता की दिमाग़ी हालत ठीक नहीं है और उसकी मां एवं बहन दूसरों के खेतों में घास काटकर दिन के 80-90 रुपये से ज़्यादा नहीं कमा पाती हैं.’

वहीं सरकारी अधिकारियों ने तर्क दिया है कि संतोषी की मृत्यु मलेरिया से हुई थी, भुखमरी से नहीं.

न सिर्फ सब्सिडी वाले राशन कार्ड, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा इसी साल 28 फरवरी को जारी की गई अधिसूचना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मिड-डे मील सुविधा के लिए आधार कार्ड बनाना अनिवार्य कर दिया गया है.

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इसी साल अगस्त में Hindustan Times में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में केवल 42% बच्चों ने आधार कार्ड के लिए नामांकन किया गया है. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि केंद्रीय मंत्रालय द्वारा राजस्थान सरकार को जारी की गई एक अधिसूचना के अनुसार, आधार सूची में एनरोलमेंट की समय सीमा 31 अगस्त 2017 तक ही थी. वहीं राज्य में 49,000 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 37 लाख छात्रों पर आधार कार्ड न होने की वजह से स्कूल में मिलने वाले मिड-डे मील से वंचित होने का ख़तरा मंडरा रहा था, अगर उनका नाम निर्धारित समय सीमा के अंदर आधार योजना के तहत नामांकित नहीं हुआ.

गौरतलब है कि हाल ही में आई Global Hunger Index (GHI) के आंकड़ों के अनुसार, भुखमरी से जूझ रहे 119 देशों में हमारा देश भारत 100वीं रैंक पर आ गया है, जो कि बहुत ही शर्मनाक है.