एक तरफ़ हम भारत की छवि बदलने का दावा करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर देश में ऐसी घटनाएं घटित होती हैं, जिनसे साफ़ पता चलता है कि दावे और हक़ीकत में कितना फ़र्क है.

दरअसल, मासिक धर्म को लेकर आज भी कुछ लोगों की सोच में संर्कीणता नज़र आती है और लोगों की इसी छोटी सोच की कीमत तमिलनाडु की छात्रा को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. तमिलनाडु की इस 12 साल की स्कूली छात्रा के साथ जो हुआ, उसे जानने के बाद शायद कई लोगों की नज़रें शर्म से झुक जाएंगी.

ये दर्दनाक घटना तिरुनेलवेली की है. दरअसल, मृतक छात्रा को पीरियड्स हो रहे थे, इसी कारण क्लास में पढ़ाई करते वक़्त उसकी स्कूल यूनिफ़ॉर्म और बेंच पर ब्लड के स्पॉट पड़ गए. ड्रेस ख़राब होता देख छात्रा ने अपनी टीचर से वॉशरूम जाने के लिए पूछा, इस बात पर उसकी टीचर इतना भड़क गई कि उसने पूरी क्लास के सामने बच्ची को बुरी तरह फ़टकार लगा दी. टीचर ने बच्ची को बड़े निर्मम तरीके से पैड ढंग से न लगाने की बात तक कह डाली. इतना ही नहीं, इस टीचर का गुस्सा यहीं ख़त्म नहीं हुआ, छात्रा को और डांट लगवाने के लिए वो उसे स्कूल की प्रिसिंपल के पास भी ले गई.

टीचर की इस बेहूदा हरकत से 7वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा इतना टूट गई कि उसने अपने घर की 25 फ़ीट ऊंची बिल्डिंग से छलांग लगा आत्महत्या कर ली. छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उसने मासिक धर्म के दौरान बेंच और कपड़ों बल्ड के दाग लग जाने के कारण अपनी टीचर और प्रिसिंपल की डांट का ज़िक्र किया है.

वहीं मृतक बच्ची के माता-पिता सदमे हैं और उन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि उनकी बेटी ने इतना कठोर कदम क्यों उठाया. कहीं पढ़ा था कि गुरू से अच्छा कोई दोस्त नहीं होता, क्योंकि आपके गुरू को आपकी अच्छाई और बुराई दोनों की जानकारी होती है, लेकिन तमिलनाडु की इस घटना ने सच में मन विचलित कर दिया. 

Refrence Feature Image Source : southlive