इंसान जिससे प्यार करता है उसके लिए वो कुछ भी कर सकता है. उसकी ख़ुशी के सामने कोई भी दर्द छोटा लगता है. उसकी ख़ुशिया ज़िंदगी का मकसद बन जाती हैं. Rotna Akter के लिए उसके छोटे भाई की ख़ुशियां ही सब कुछ है.

gmbakash

बांग्लादेश में रहने वाली Rotna जब 6 साल की थी तब उसके सिर से पिता का साया हट गया. परिवार सड़क पर आ गया. उसकी पढ़ाई छूट गई. कई दिनों तक भूखे भी रहना पड़ा. बच्चों की भूख मिटाने के लिए मां काम करने लगी. Rotna मां की मदद करना चाहती थी. बहुत ज़िद्द करने पर मां रोतना को अपने साथ काम पर ले जाने के लिए तैयार हो गई. काम था ईटों को तोड़ने का. शुरुआत में Rotna मुश्किल से दिन के 30 ईटें तोड़ पाती थी, जिसके लिए उसे मिलते थे, 30 टका. आज Rotna 12 साल की है और दिन में 125 से अधिक इटें तोड़ती है.

12 साल की Rotna ये सब सिर्फ़ दो वक्त की रोटियों के लिए नहीं करती, उसके कमाए पैसों से उसके छोटे भाई की पढ़ाई चल रही है. Rotna बताती है कि उसका छोटा भाई पढ़ने में बहुत अच्छा है. दूसरी कक्षा में है और इस बार परीक्षा में दूसरे पायदान पर रहा. Rotna पिछले 6 महीने से और ज़्यादा काम कर रही थी. इससे जो अतिरिक्त पैसे बने उससे Rotna ने अपने भाई के लिए साइकिल ख़रीदी, ताकि उसे स्कूल या ट्यूशन जाने में दिक्कत न आए.

ये पूरी कहानी सामने आई GMB Akash के एक फेसबुक और इंस्टाग्राम पोस्ट से, जिसमें उसने रोतना की तस्वीर, वीडियो और कहानी डाली है. इस कहानी को जानने के बाद बहुत से लोग इस ज़रूरतमंद परिवार की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं.

इस पूरी कहानी को जान किसी की कही धुंधली बात याद आती है- बचपन वो पहली चीज़ है जिसे ग़रीबी छीन लेती है.