कोरोना वायरस ने देश में आम लोगों के साथ ही देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल को भी अपनी चपेट में ले लिया है. केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की दिल्ली स्थित बटालियन में कोरोना संक्रमित कर्मियों की संख्या बढ़कर 122 पहुंच गई है. 

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रिपोर्ट के मुताबिक़, ये जवान दिल्ली के मयूर विहार में तैनात सीआरपीएफ़ के 31 बटालियन के हैं. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के देखते हुए पूरे इलाक़े को सील कर दिया गया है. 

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘बटालियन में 122 जवान कोरोना संक्रमित हो गए हैं. अभी 100 जवानों के कोरोना टेस्ट के नतीजे आने बाकी है.’ 

उन्होंने बताया कि ज़्यादातर संक्रमित कर्मियों में इस जानलेवा बीमारी के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए. इन्हें इलाज के लिए मंडोली में दिल्ली सरकार के एक आइसोलेशन फ़ैसिलिटी में एडमिट कराया गया है. 

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इस यूनिट के 12 जवान शुक्रवार को संक्रमित पाए गए थे और 55 वर्षीय एक सब-इंसपेक्टर की इस हफ़्ते की शुरुआत में मौत हो गई थी. इसी बटालियन के 45 जवान पिछले हफ़्ते कोरोना से संक्रमित हो गए थे. बता दें, इस बटालियन में एक हज़ार से अधिक जवान हैं. एक ही बटालियन में इतनी बड़ी तादात में कोरोना संक्रमित मिलने से अर्धसैनिक बल में चिंता पैदा हो गई है. 

छुट्टी से लौटने वाले या कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले जवानों को 14 दिन आइसोलेशन में रहने के लिए सीआरपीएफ़ की ओर से सामान्य आदेश जारी किया गया था. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में पता चला कि अर्धसैनिक बल की मेडिकल विंग ने अप्रैल में एक अलग आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि जिन कर्मचारियों में वायरस के लक्षण नहीं दिख रहे, वो पांच दिन आइसोलेशन में रहने के बाद ड्यूटी पर लौट सकते हैं. 

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हर पहलू की हो रही जांच 

जवानों में संक्रमण कैसे फैला है, इस बात की जांच की जा रही है. अधिकारियों ने संकेत दिया है कि संक्रमण का प्राथमिक सोर्स एक कॉन्सटेबल (नर्सिंग सहायक) हो सकता है. ये जवान एनसीआर में छुट्टी बिताकर यूनिट में वापस लौटा था. 

ये जवान जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सीआरपीएफ की एक अन्य बटालियन में तैनात है. हालांकि ये अभी साफ़ नहीं है कि वो ख़ुद कैसे वायरस की चपेट में आया.   

इस जवान के परिवार के सदस्यों के कोरोना टेस्ट निगेटिव आए हैं. 31वीं बटालियन के कुछ अन्य बिना लक्षण वाले कर्मी भी संक्रमण का प्राथमिक स्रोत हो सकते हैं. ये भी कहा जा रहा था कि नर्सिंग सहायक को बटालियन के शिविर में आइसोलेशन में रखते समय नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया गया. अर्धसैनिक बल इस दावे की भी जांच कर रहा है. फ़िलहाल कुछ भी कहना जल्दबाज़ी ही होगी.