लॉकडाउन के दौरान दुनियाभर से पर्यावरण में सुधार और वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी की ख़बरें सुनी. ऐसे कई उदाहरण सामने आए, जब जंगली जानवर खुलेआम सड़कों पर टहलते दिखे. वहीं, प्रदूषण के स्तर में भी कमी देखी गई. लेकिन इसके साथ ही कुछ ऐसी भी घटनाएं हुईं, जो बेहद दुखद हैं.  

TNIE की रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले 2.5 महीने के लॉकडाउन के दौरान ओडिशा में क़रीब 14 हाथियों की मौत हुई है. इनमें से अधिकांश की मौत अवैध शिकार या फिर कंरट लगने से हुई है. राज्य के वन विभाग ने कहा है कि इनमें से केवल 2 हाथियों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है.  

रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि हाल ही में मुंडेश्वर के जंगल में एक 3 वर्षीय नर हाथी का शव मिला था, जिसके शरीर पर गोली के निशान थे. वहीं, एक अन्य घटना में बिजली के करंट लगने से 2 हाथियों की मौत हो गई.   

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यहां अवैध शिक़ार की कई ख़बरें आईं हैं. ऐसे में अधिकारी गश्त बढ़ाने के तरीकों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. इतने शानदार जीव की इंसानों द्वारा हत्या या मानव-पशु संघर्ष में मारा जाना बेहद दुखद है.   

बता दें, भारत में 2017 की जनगणना के मुताबिक़ हाथियों की कुल संख्या 27,312 है. वहीं, ओडिशा में 1,976 हाथी पाए गए थे. ये जनगणना हर पांच साल में होती है. भारत में बड़ी संख्या में हाथियों की मौत ट्रेन की चपेट में आने, करंट लगने और अवैध शिकार के चलते होती है.