भुवनेश्वर के उत्कल विश्वविद्यालय के एक छात्र ने 1400 साल पुरानी बुद्ध की प्रतिमा खोजी है, जिस पर सात सिर वाले सांप की छत्री बनी हुई है. ये प्रतिमा ओडिशा के खुर्दा जिले में बानापुर के नज़दीक गोविंदपुर से मिली है.

पांच फ़ीट की इस मूर्ती की 80 प्रतिशत भाग ज़मीन के नीचे गड़ा हुआ था. बस बुद्ध का सिर और सात सिर वाले सांप का हिस्सा ही ज़मीन से बाहर था. विश्वविद्यालय के शोध के छात्र ने अधिक छानबीन के लिए भारतीय पुरातन विभाग और राज्य संग्रहालय को बुलाया.

इस मूर्ती के बारे में सबसे पहले विश्वविद्यालय के पुरातन भारतीय इतिहास और पुरातत्व विभाग के छात्र दक्षिणेश्वर जेना को पता चला.

इसके बाद उन्होंने असिस्टेंट प्रोफे़सर अनाम बेहेरा को इसके बारे में बताया. इस मूर्ती के बारे में और जानकारी के लिए एक टीम का गठन किया गया है, जिसने गोविंदपुर जाकर खुदाई की. 3 फ़ीट के बाद उन्हें सात सिर वाला सांप मिला, बाद में पूरी मूर्ती को ज़मीन से बाहर निकाला गया.

प्रोफ़ेसर बेहेरा ने बाताया कि जिस मूर्ती को निकाला गया है, वो लगभग 1400 साल पुरानी है. हाल ही में रत्नागिरी और ललितगिरी में पायी गई मूर्तियों से ये प्रतिमा मेल खाती है. इस खोज से मालूम होता है कि बौद्ध अनुयायी खुर्दा जिले के बानापुर में निवास करते थे.

बीस साल पहले इसी मूर्ती को एक किसान ने खेती करते वक्त ढूंढ़ा था. हल चलाते वक्त उसके हल का निचला हिस्सा सांप के सिर से टकराया था, तब उसने इसे एक पत्थर समझ कर अनदेखा कर दिया था.

Source: asianage