गुजरात के सूरत में एक 15 साल के लड़के और उसके पिता ने ईमानदारी की अनूठी मिसाल कायम की है. बीते शनिवार सूरत डायमंड एसोसिएशन (SDA ) ने 15 वर्षीय विशाल उपाध्याय लड़के और उसके पिता फूलचंद, जो पेशे से चौकीदार हैं को एक हीरा व्यापारी को 45 लाख रुपये के हीरे से भरी थैली वापस करने के लिए सम्मानित किया.

Hindustan Times की रिपोर्ट के अनुसार, मनसुखभाई सवालिया हीरे के एक व्यापारी हैं और पिछले हफ्ते रविवार को जब Safe Deposit Vault से हीरे की कई थैलियों को लेकर जा रहे थे, तब उनकी जेब से एक थैली गिर गई थी, जिसमें 45 लाख के हीरे थे. लेकिन उनको पता नहीं चला कि उनकी जेब से हीरे की थैली गिर गई है. उस वक़्त पास में ही विशाल क्रिकेट खेल रहा था, उसने वो थैली उठा ली.

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विशाल ने वो थैली अपने पिता फूलचंद को दे दी. फूलचंद ने ईमानदारी का परिचय देते हुए हीरे अपने पास रखने के बजाये उसको सूरत हीरा संघ को लौटा दिए, जिसके बाद वो हिरी उसके मालिक को सौंप दिए गए.

विशाल और उसके पिता फूलचंद की ईमानदारी को देखते हुए सूरत में आयोजित एक कार्यक्रम में संघ ने इन दोनों पिता-पुत्र को हीरे की थैली लौटाने के लिए सम्मानित किया. संघ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने बताया कि संघ ने विशाल की ईमानदारी के सम्मान में उसकी एक साल की शिक्षा का खर्च वहन करने का भी वादा किया.

इसके साथ ही नवादिया ने PTI को बताया कि क्योंकि स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में डायमंड मार्किट सोमवार और मंगलवार को बंद था, इसलिए फूलचंद ने बुधवार को जैसे ही मार्किट खुला डायमंड एसोसिएशन को वो हीरे की थैली वापस कर दी.

इतना ही नहीं, फूलचंद ने लोगों से इसके बारे में पूछताछ भी की और उस एरिया के अधिकतर CCTV फ़ुटेज भी देख डाले ताकि इन हवेरों के मालिक की कोई जानकारी मिल सके, लेकिन छुट्टी के कारण वो Safe Deposit Vault का CCTV फ़ुटेज नहीं देख सका. जब बुधवार को मार्किट खुला तो फूलचंद और उनका बेटा विशाल Safe Deposit Vault पहुंचे और ऑफिस में ये थैली लौटा दी, जिसके बाद CCTV फ़ुटेज में हीरों के असली मालिक की पहचान हुई.