विकास के मामले में भारत का डंका पूरे देश में बजने वाला है. अगर 2019 से 2035 तक की जीडीपी ग्रोथ की बात करें, तो भारत अपना परचम लहराने वाला है. ग्लोबल इकोनॉमिक रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 20 सबसे तेज़ी से बढ़ते शहरों में भारत के 17 शहर होंगे.

TOI के अनुसार, ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स नाम के एक रिसर्च हाउस के मुताबिक, जीडीपी ग्रोथ (Gross Domestic Product Growth) 2019 से 2035 के बीच भारत में सबसे ज़्यादा होगी. इसमें भारत के बेंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई शामिल हैं. इस शहरों की पहचान टेक्नॉलजी हब के लिए है और यहां बड़ी फ़ाइनेंशियल सर्विस फ़र्म्स भी हैं. इसके साथ ही सूरत को पहले स्थान पर रखा गया है जहां सबसे ज़्यादा जीडीपी ग्रोथ होगा. नागपुर, तिरुपुर, राजकोट, तिरुचिरापल्ली और विजयवाड़ा भी इसमें शामिल हैं.

वहीं, भारत के अलावा दुनिया के नोम पेन्ह, दार अस सलाम और शंघाई 2019 से 2035 के बीच दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते शहरों में होंगे. इसी तरह अफ़्रीका के सबसे तेज़ी से बढ़ते शहरों में दार अस सलाम टॉप पर होगा.

मगर 2035 में जनसंख्या की बात की जाए, तो टॉप 10 शहरों में मुंबई पहले पायदान पर होगा. 2035 तक भारतीय शहरों की कंबाइंड जीडीपी चीन के शहरों की तुलना में कम ही होगी और चीन के शहरों का योगदान काफ़ी अहम होगा. 2035 तक शंघाई लंदन के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी शहरी इकोनॉमी होगी.

अगर हम बात करें 2027 की, तो उस समय सारे एशियाई शहरों की कुल जीडीपी पहली बार नॉर्थ अमेरिकी या यूरोपीय शहरों की कंबाइंड जीडीपी को पार कर जाएगी. इसके साथ ही 2035 में एशियाई शहरों की जीडीपी यूरोपीय शहरों और नॉर्थ अमेरिकी से 17 फ़ीसदी आगे चली जाएगी.

हालांकि, अभी भारत की जीडीपी ग्रोथ घटती हुई दिख रही है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फ़िच ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.4% से घटाकर 7.2% कर दिया है. इसके बावजूद भारत तेज़ी से उभरता हुआ देश बनने वाला है. ये कहना ग़लत नहीं होगा.