हमारा देश कितना भी तरक्की कर ले, लकुछ लोगों की छोटी सोच की वजह से हमेशा पीछे रहेगा. हर जगह बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ तो लिखा देखा होगा, शायद ये बात बिहार के मुजफ़्फ़रपुर तक नहीं पहुंची. तभी तो यहां सात लोगों ने मिलकर 17 साल की एक लड़की की हत्या सिर्फ़ इसलिए कर दी क्योंकि वो स्कूल जाती थी और आरोपी चाहते थे कि वो स्कूल न जाए. मृतक लड़की का नाम आशा था और वो सानपुरा गांव की रहने वाली थी.

इस मामले की भनक तब लगी, जब आशा के भाई बबन राय ने शुक्रवार की रात आरोपियों के ख़िलाफ़ मोतीपुर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई. एफ़आईआर में बबन ने ये भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसे और उसकी पत्नी को अपने ही घर में कई घंटों तक बंद रखा. आरोपी उसे शुरू से धमकी दे रहे थे कि अगर आशा ने स्कूल जाना जारी रखा, तो उसे और उसके परिवार को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा. यहां तक कि आशा को पढ़ाने वाले टीचर को भी धमकी देकर उसका नाम काटने को कहा गया था.

डीएसपी (पश्चिम) केएम प्रसाद ने TOI को बताया,
इस मामले में सात लोगों के ख़िलाफ़ नामजद एफ़आईआर दर्ज की गई है. सात आरोपियों में से चार को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.

तो वहीं गांव के लोगों ने बताया, कि लड़की और आरोपी एक ही जाति के हैं और इस समुदाय के लोग मैट्रिक से आगे पढ़ाई करने वाली हर लड़की के ख़िलाफ़ होते हैं. आशा इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही थी और ये बात उन लोगों को मंजूर नहीं थी.