इस साल फरवरी में प्रयागराज में कुंभ का आयोजन किया गया. लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने भी कुंभ के आयोजन की तारीफ़ की. वहां जाकर सफ़ाईकर्मियों के पांव धोए और उन्हें ‘असली कर्म योगी’ बताया. अपनी निजी बचत से उन्होंने 21 लाख रुपये ‘कुंभ सफ़ाई कर्मचारी कॉर्पस फंड’ में दान भी किये.
कुंभ के लिए ख़ास वेबसाइट भी बनाई गई थी. 250 किलोमीटर की सड़क, 22 पुल और दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर सिर्फ़ कुंभ के लिए बनाया गया था. 1.2 लाख इको-फ़्रेंडली टॉयलेट्स का भी निर्माण हुआ था.
HT की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने उत्तर प्रदेश सरकार को प्रयागराज में जमा हुए कई टन कचरे के लिए जमकर लताड़ा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि शहर में गंदगी से फैलने वाली बीमारियों (डायरिया, वायरल हेपाटाइटिस, कॉलेरा) का ख़तरा कई गुना बढ़ गया है.
उत्तर प्रदेश चीफ़ सेक्रेटरी से NGT ने इस पूरे मामले की सफ़ाई मांगी है. NGT ने ये भी कहा कि कुंभ के बाद जमा हुई गंदगी की ज़िम्मेदारी अफ़सरों को लेनी चाहिए.
NGT के रिपोर्ट के अनुसार,
ग्राउंड वॉटर में भी गंदा पानी मिल सकता है. कमिटी ने पाया कि कुंभ में कई टॉयलेट बनाए गए थे. राजापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को कैपेसिटी से ज़्यादा सीवेज मिला. राजापुर ड्रेन के सिर्फ़ 50 प्रतिशत सीवेज का ही ट्रीटमेंट किया जा रहा है और बाकी 50% को बिना ट्रीटमेंट के ही गंगा में बहाया जा रहा है.
प्रयागराज के एडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर, अमरेंद्र वर्मा का कहना है कि एक प्राइवेट कंपनी ‘हरी भरी’ को बसवार प्लांट में सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट का कार्य सौंपा गया था. अमरेंद्र के शब्दों में,
सॉलिड वेस्ट डिस्पोज़ल के लिए म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ज़िम्मेदार नहीं है, ये काम प्राइवेट फ़र्म को दिया गया था. फ़र्म अपना काम करने में असफ़ल रही और इसके लिए उन्हें नोटिस भेज दिया गया है. म्यूनिसिपल कमीश्नर, उज्जवल कुमार कुंभ मेले के वेस्ट डिस्पोज़ल को मॉनिटर कर रहे थे और अभी वो छुट्टी पर गए हुए हैं.
कुंभ मेला अथॉरिटी के चेयरमन और प्रयागराज के डिविशनल कमिश्नर, आशीष कुमार गोयल के शब्दों में,
हमने बेहतर प्रदर्शन किया है. जो अफ़सर अपना काम करने में असफ़ल रहे हैं उन्हें इसकी ज़िम्मेदारी लेनी होगी. हमने पिछले कई कुंभ से अच्छा काम किया है.
इन सब में अगर कोई सबसे बड़ी क़ीमत चुका रहा है तो वो है पर्यावरण और बीमारियां फैली तो प्रयागराज वासी भुक्तभोगी बनेंगे.