हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पोंग बांध झील क्षेत्र में पिछले हफ़्ते क़रीब 1800 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, इन पक्षियों की मौत कारण एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ़्लू है. राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश के बाद अब हिमाचल प्रदेश चौथा राज्य है, जहां इतनी बड़ी संख्या में बर्ड फ़्लू से पक्षियों की मौत हुई है.
हिमाचल की प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अर्चना शर्मा ने कहा कि बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा संक्रमण की पुष्टि की गई है. उन्होंने कहा कि, प्रशासन भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाई सिक्योरिटी एनिमल डीज़ीज़ से इसकी पुष्टि का इंतज़ार कर रहा है क्योंकि इस बीमारी की जांच के लिए ये नोडल इकाई है.
NDTV के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में बर्ड फ़्लू से पक्षियों की मौत के बाद अधिकारियों ने क्षेत्र में पर्यटन को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही प्रशासन ने कांगड़ा जिले के फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा उपखंडों में मुर्गी, बत्तख, हर प्रजाति की मछली और उससे संबंधित उत्पादों जैसे अंडे, मांस, चिकन आदि की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.
राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश में भी बर्ड फ़्लू का क़हर
इस बीच, राजस्थान में सोमवार को 170 से अधिक पक्षियों की मौत की सूचना मिली, जिसके बाद राज्य में पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 425 से ज़्यादा हो गया है. बर्ड फ्लू का प्रकोप केवल राज्य के झालावाड़ जिले में पाया गया है और अन्य क्षेत्रों की रिपोर्ट का इंतज़ार है.
NDTV के अनुसार, केरल में पिछले कुछ दिनों में लगभग 12,000 बत्तख मर चुकी हैं. भोपाल भेजे गए आठ नमूनों में से पांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.
वहीं, मध्य प्रदेश में 23 दिसंबर और 3 जनवरी के बीच 376 कौवों की मौत हुई है. India Today ने पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल का हवाला देते हुए बताया कि मंदसौर और इंदौर के नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.