भारत में कोरोना वायरस के बाद अब चक्रवाती तूफ़ान ‘Amphan’ ने क़हर बरपाना शुरू कर दिया है. बुधवार को पाश्चिप बंगाल में आए इस तूफ़ान की वजह से अब तक क़रीब 72 लोगों के मारे जाने की ख़बर है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ़) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि, इस चक्रवाती तूफ़ान के कारण भारत और बांग्लादेश के 19 मिलियन बच्चों की ज़िंदगी ख़तरे में है.
UNICEF is prepositioning life-saving water, sanitation, hygiene and medical supplies for children and families as Cyclone Amphan makes landfall in Bangladesh and India.https://t.co/bX0LLpmlC1
— UNICEF (@UNICEF) May 20, 2020
रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत और बांग्लादेश में आये इस तूफ़ान के चलते भारी बारिश व बाढ़ के कारण कम से कम 19 मिलियन बच्चे ख़तरे का सामना कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में 1.6 करोड़ बच्चों सहित 5 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं और उनके इस चक्रवाती तूफ़ान से सीधे तौर पर प्रभावित होने की आशंका है. ऐसे में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं.
यूनिसेफ़ ने कहा कि, हम इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि चक्रवाती तूफ़ान के बीच लोगों में कोरोना संक्रमण फ़ैलने का ख़तरा भी बढ़ सकता है. जिन लोगों को अस्थायी शिविरों में भेजा गया है, वहां भी कोरोना और अन्य संक्रमण फ़ैलने का ख़तरा बढ़ गया है.
यूनिसेफ़ दक्षिण एशिया की रीज़नल डायरेक्टर जीन गोह ने कहा कि, हम स्थिति पर क़रीबी नज़र बनाए हुए हैं. तूफ़ान से प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है और ये अच्छी बात है कि अधिकारियों ने कोरोना से निपटने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं.
यूनिसेफ़ भारत और बांग्लादेश की सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है. एजेंसी इस संकट के समय दोनों देशों में बच्चों व उनके परिवारों तक हर मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है. हमारी 1,700 से अधिक मोबाइल स्वास्थ्य टीमें इन लोगों तक आपातकालीन खाद्य सामग्री पहुंचाने में जुटी हुई हैं.
इस दौरान कोरोना वायरस के ख़तरे को देखते हुए हमारे कार्यकर्ता लोगों के लिए PPE किट, कीटाणुनाशक दवाईयों के साथ-साथ शेल्टर होम्स की व्यवस्था भी कर रहे हैं. लोग एक दूसरे के संपर्क न आएं इसलिए प्रत्येक व्यक्ति से अलग-अलग संपर्क किया जा रहा है. इस दौरान ई-कैश वितरण का उपयोग भी किया जा रहा है.