पिछले साल पुलवामा में भारतीय सेना के राइफ़लमैन, औरंगज़ेब की उग्रवादियों ने अगवाकर हत्या कर दी थी. औरंगज़ेब ईद के लिए अपने घर जा रहा था और दिन दहाड़े उनका अपहरण कर लिया गया था. अपहरण के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने उन्हें खोजने की भी पूरी कोशिश की पर असफ़ल रहे.
इस घटना के क़रीब के सालभर बाद औरंगज़ेब के दो भाई मोहम्मद तारीक़ और मोहम्मद शब्बीर सेना में शामिल हो गए हैं. तारीक़ और शब्बीर टेरिटोरियल आर्मी के इंफ़ेंट्री बटालियन में शामिल हुए हैं.
ट्रेनिंग के बाद हम आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ेंगे और शहीद भाई औरंगज़ेब की मौत का बदला लेंगे. हमें भारतीय सेना का हिस्सा होने पर गर्व है, हमारे देश पर गर्व है.
-मोहम्मद तारीक़
औरंज़ेब के पिता के शब्दों में,
मेरे दो बेटों ने TA Battalion जॉइन किया है. जब औरंगज़ेब की हत्या हुई थी, तब मैंने रक्षा मंत्री और सेना के बड़े अफ़सरों को ये कहा था कि मैं अपने 6 बेटों को सेना में भेजूंगा.
-मोहम्मद हनीफ़
मोहम्मद हनीफ़ का बड़ा बेटा सेना में 12 साल सर्विस कर चुका है और कश्मीर में पोस्टेड है.
ओरंगज़ैब की मां, राज बेग़म को किसी अनहोनी का डर सताता है.
हमें किसी अनहोनी का डर तो है पर हमारे बेटे भारतीय सेना में जाना चाहते थे.
-राज बेग़म
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