लद्दाख की गलवान घाटी से भारतीय सैनिकों की शहादत की ख़बर आ रही है. 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. जबकि कई सैनिक घायल हुए हैं जिनमें से 4 सैनिकों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
At least 20 Indian soldiers killed in the violent face-off with China in Galwan valley in Eastern Ladakh. Casualty numbers could rise: Government Sources pic.twitter.com/PxePv8zGz4
— ANI (@ANI) June 16, 2020
न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक़, भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई इस हिंसक झड़प में चीन के 43 सैनिक भी हताहत हुए हैं. बीती रात हिंसा वाले इलाक़े में चीनी एयर फ़ोर्स के हैलीकॉप्टर चक्कर लगाते भी पाए गए थे.
Indian intercepts reveal that Chinese side suffered 43 casualties including dead and seriously injured in face-off in the Galwan valley: Sources confirm to ANI pic.twitter.com/xgUVYSpTzs
— ANI (@ANI) June 16, 2020
पिछले 5 दशक से भी अधिक समय में हुए इस सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण गलवान घाटी और LAC पर पहले से जारी गतिरोध और तेज़ हो गया है. भारत-चीन सीमा पर 53 साल से कोई फ़ायरिंग नहीं हुई थी, सिर्फ़ धक्का-मुक्की ही होती रहती है.
बता दें कि पिछले कई दिनों से गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच उच्च स्तरीय बातचीत के बावजूद तनाव बढ़ता ही जा रहा है. 15 जून की रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प हुई जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं, लेकिन चीन अब भी अपने सैनिकों के मारे जाने की ख़बर पर ख़ामोश है.
इस मामले में भारतीय सेना ने 16 जून की रात एक बयान जारी कर बताया कि गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. वैसे चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की ख़बर है.
क्या है ये गलवान घाटी विवाद?
गलवान घाटी भारत के लिए सामरिक रूप से काफी अहम है. क्योंकि ये पाकिस्तान, चीन और लद्दाख की सीमा के साथ जुड़ा हुआ है. साल 1962 की जंग के दौरान भी गलवान घाटी जंग का प्रमुख केंद्र रहा था. पिछले कुछ समय से चीन पूरी गलवान घाटी को अपने नियंत्रण में करना चाहता है.
दरअसल, भारत अपनी सीमाओं को मज़बूत करने के लिए गलवान घाटी में कई तरह के निर्माण कार्य कर रहा है. चीन इसी बात का विरोध कर रहा है. चीन का मानना है कि अगर भारत गलवान घाटी में निर्माण कर लेता है तो रणनीतिक तौर पर वो यहां अपनी स्थिति मज़बूत बना लेगा. बावजूद इसके भारत ने साफ़ तौर पर कह दिया है कि वो गलवान घाटी समेत पूरे लद्दाख में निर्माण कार्य जारी रखेगा.