IIT कॉलेजों में टीचर और स्टूडेंट्स के बीच उतना ही Generation गैप होता है, जितना शाहरुख़ खान और उनकी Heroines की उम्र में. खैर, IIT-Powai के कैंपस में एक सकारात्मक बदलाव आने वाला है. इस कॉलेज में जो प्रोफ़ेसर बच्चों को पढ़ाने आएगा, उसकी उम्र है 22 साल. 22 साल के तथागत तुलसी, IIT पवई के नए टीचर होंगे.

9 साल की उम्र में हाई स्कूल और 21 साल की उम्र में Quantum Computing में PhD करने वाले तथागत ने टीचिंग के लिए IIT पवई को चुना. उनका सपना है ऐसी खोज करना ताकि वो देश के लिए साइंस में नोबेल लेकर आ सकें. उन्होंने कनाडा की वॉटरलू यूनिवर्सिटी के बजाय, इस कॉलेज में पढ़ना बेहतर समझा और अभी उनका बाहर जाने का कोई प्लान नहीं है.

2001 में जर्मनी में साइंटिस्ट के एक ग्रुप ने तथागत को वंडर बॉय मानने से इनकार कर, उसकी उपलब्धियों को Fake और उसकी थ्योरी को ग़लत साबित करने की बात कही थी.
इतने सालों में तथागत ने काफ़ी लम्बा सफ़र तय किया है. फ़िलहाल वो एक टीचर के रोल पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों का भविष्य संवार सकें. तथागत ने ख़ुद कभी फॉर्मल स्कूलिंग नहीं की है.