यूं तो हैकिंग करना अपराध है, लेकिन अगर Ethical Hacking कर आप लाखों रुपये कमा सकते हैं. उत्तर भारत के रहने वाले 23 वर्षीय शिवम वशिष्ठ भी इसके ज़रिये हर साल 88 लाख रुपये कमा रहे हैं. उन्हें सप्ताह में सिर्फ़ 15 घंटे ही काम करना होता है.
दरअसल, शिवम एक Ethical Hacker हैं. उनका काम है बड़ी-बड़ी वेबसाइट और Apps के Bugs को तलाशना. ऐसे Bug जिनकी वजह से कंपनी को ख़तरा हो या फिर उन्हें हैक किया जा सकता है. इस काम को 19 साल की उम्र में शिवम ने करियर के रूप में चुन लिया था. फ़िलहाल शिवम 23 साल के हैं. इस समय वो सैन फ़्रैंसिस्को स्थित ‘हैकरवन कंपनी’ से जुडे हैं.
यहां उन्हें इस काम के लिए सालाना 1.25 लाख डॉलर यानी तकरीबन 88.91 लाख रुपये मिलते हैं. ये कंपनी Instagram, Twitter, Zomato, OnePlus जैसी कंपनियों को सर्विस प्रोवाइड करती है. साइबर अटैक से कंपनियों को बचाने के लिए शिवम को सप्ताह में 15 घंटे ही काम करना पड़ता है, हालांकि, कई बार उनका शेड्यूल बदलता भी रहता है. कई बार उन्हें लगातार कई दिनों तक भी काम करना पड़ जाता है.
पहली बार जब उनके घरवालों को पता चला था कि शिवम हैकर हैं, तो वो चिंतित हो गए थे, मगर बाद में जब उन्हें पता चला कि एथिकल हैकिंग क़ानूनन वैध है तो उनकी चिंता दूर हो गई. 20 साल की उम्र में शिवम ने InstaCart (मास्टरकार्ड) Bug Bounty प्रोग्राम को जीता था. इसके बाद उनकी कमाई जारी रही है. अब इसकी मदद से वो लाखों रुपये कमा रहे हैं. अपनी कमाई से वो अपने परिवार को वर्ल्ड टूर भी करा चुके हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बड़ी-बड़ी कपनियां Bug तलाशने के लिए एथिकल हैकर्स को लाखों रुपये की सैलरी पर लाती हैं. एप्पल ने भी Bug बाउंटी प्रोग्राम खोला है, जहां पर सिक्योरिटी रिसर्चर्स को Bug ढूंढने के लिए 1 लाख डॉलर से 10 लाख डॉलर के बीच बाउंटी दी जाएगी.
एथिकल हैकिंग में इंडिया का नंबर दूसरा है. पहले स्थान पर अमेरिका का नंबर है, जिसने कुल बाउंटी प्रोग्राम्स में से 19 फ़ीसदी जीते हैं. हैकरवन की हैकर पावर्ड सिक्योरिटी रिपोर्ट 2019 के अनुसार, 2018 में जीती गई कुल बाउंटी में से 2,336,024 डॉलर बाउंटी भारत की एथिकल हैकर कम्युनिटी को मिली थी.
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