कोरोना महामारी के चलते अब पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है. स्कूल कब खुलेंगे अभी इसके लिए सरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं आया है. ऐसे में बहुत से बच्चे हैं जो फ़ोन, इंटरनेट, कंप्यूटर जैसी सुविधाओं के अभाव में अपनी पढ़ाई जारी कर पाने में असमर्थ हैं. ऐसे ही ग़रीब परिवार के बच्चों की मदद कर रहा है यूपी का एक नौजवान. वो दिल्ली के एक मेट्रो के फ़्लाईओवर के नीचे स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को रोज़ाना पढ़ा रहा है. ताकि उनकी पढ़ाई जारी रहे.

ये नेक काम कर रहे हैं यूपी के सत्येंद्र पाल. वो पूर्वी दिल्ली में रहते हैं. सत्येंद्र पाल ने मैथ्स ऑनर्स से स्नातक की डिग्री ली है. उन्होंने ये स्कूल 2015 में खोला था. इसका नाम पंचशील शिक्षण संस्थान है. इसमें ग़रीब परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं. कुछ समय पहले इनके स्कूल में बहुत कम बच्चे आते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण यहां आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गई है. 

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यहां के पास के स्लम एरिया वाई.के. कैंप के बच्चे यहां मुफ़्त में पढ़ाई करते हैं. ये ऐसे बच्चे हैं जो अपने मज़दूर माता-पिता का काम में हाथ बटांते हैं. इनके स्कूलों में भी ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं. लेकिन इंटरनेट-मोबाइल की सुविधा न होने के कारण ये अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं.

उन्होंने फ़्लाईओवर के नीचे एक झोपड़ी बना रखी है, जिसमें बच्चों की क्लासेस चलती हैं. सत्येंद्र बच्चों को मैथ्स, साइंस और इंग्लिश पढ़ाते हैं. वो सप्ताह के सातों दिन 2 घंटे की क्लास लेते हैं. 

इस ओपन क्लास रूम में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख़्याल रखा जाता है. उन्होंने बच्चों के लिए मास्क और सैनिटाइज़र की भी व्यवस्था की है. इस स्कूल को आस-पास के लोगों द्वारा अलग-अलग तरह से की गई मदद से चलाया जा रहा है.

सत्येंद्र सप्ताह में एक बार बच्चों का टेस्ट भी लेते हैं. वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं कि जो बच्चा स्लम एरिया में रहता है उसकी पढ़ाई जारी रह सके.

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