देश के कई इलाके जल संकट से जूझ रहे हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये जल निकायों के पुनरुद्धार पर ख़र्च कर दिए, लेकिन इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है.
मध्य प्रदेश भी ऐसे ही गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है. लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर के एक गांव में रहने वाली महिलाओं ने सरकार का मुंह तकने के बजाय ख़ुद ही इस समस्या को हल करने का फ़ैसला कर लिया.
दरअसल, छतरपुर जिले का अंगरोठा गांव लंबे समय से पानी की किल्लत से जूझ रहा था. ऐसे में महिलाओं ने खु़द ही इसका हल निकालने की ठान ली. गांव की 250 महिलाएं पानी के लिए रास्ता बनाने के लिए पिछले 18 महीने से एक पहाड़ को काटने में लगी हैं, ताकि पानी तालाब तक पहुंच सके.
ANI से बात करते हुए इस पहल में शामिल एक महिला बबीता राजपूत ने बताया, ‘हम रास्ता बनाने के लिए 18 महीनों से लगातार काम कर रहे थे. जंगल वाले इलाके में पानी मौजूद था, लेकिन हमारे गांव तक नहीं आ पा रहा था.’
#MadhyaPradesh: Women in Agrotha village of Chhatarpur district dug over 18 months through a hill, to channel water into local village pond
— ANI (@ANI) September 27, 2020
“There’s a water problem here. 250 women of our village dug a channel to get water to flow into the pond,” says Batibai Adivasi, a villager pic.twitter.com/87CcyjC55H
उन्होंने कहा कि ऐसे में गांव की महिलाओं ने एक ग्रुप बनाया और पहाड़ को काटने का फै़सला किया, जिससे पानी को गांव के तालाब तक लाया जा सके.
वहीं, डायवर्ज़न प्रक्रिया में शामिल एक अन्य महिला ने कहा, ‘हम खु़द के लिए ऐसा कर रहे हैं क्योंकि यहां पानी की कमी है. हम खेती करने में असमर्थ थे. हमारे गांव में लगभग 250 महिलाओं ने तालाब में पानी लाने के लिए एक रास्ता बनाया. इस काम को पूरा करने में हमें लगभग 18 महीने लगे.’
बता दें, पिछले 18 महीने से लगातार महिलाओं ने एक पहाड़ को काटकर गांव में पानी आने का रास्ता बनाया है. इस काम में उन्हें कई बड़े पत्थरों को भी हटाना पड़ा, जो जल प्रवाह के रास्ते में मौजूद थे.