अमेरिका के नेशनल सेंटर फ़ॉर मिसिंग ऐंड एक्सप्लॉयटेड चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी) ने भारत के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) से एक दिल दहला देने वाला डेटा शेयर किया है.


Indian Express की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, एनसीएमईसी ने बताया है कि पिछले 5 महीनों में भारत में 25000 चाइल्ड पॉर्नोग्राफ़ी मटेरियल अपलोड किया गया है. ये वीडियोज़/तस्वीरें अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर अपलोड किए गए हैं.  

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने The Indian Express को बताया कि रिपोर्ट में दिल्ली टॉप पर है, यानी दिल्ली से सबसे ज़्यादा चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज़ मटेरियल अपलोड किए गए. महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल भी इस सूची में टॉप पर है. 

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अधिकारी ने ये भी बताया कि एनसीएमईसी से पिछले साल डील हुई थी. इसके बाद ये संस्था चाइल्ड पॉर्नोग्राफ़ी से जुड़ी जानकारी भेजने लगी. जानकारियों को राज्य सरकारों को भेज दिया गया है और कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं.


महाराष्ट्र के एक आईपीएस अधिकारी ने The Indian Express को बताया कि एनसीआरबी ने महाराष्ट्र से 1700 केस साइबर यूनिट को ट्रांसफ़र किए. 

आईपीएस अफ़सर ने ये भी बताया कि इन मामलों पर ‘ओपरेशन ब्लैकफ़ेस’ के तहत एक्शन लिए गए हैं.  

महाराष्ट्र में शहरी क्षेत्र जैसे मुंबई, पुणे, ठाणे में इन केसों की तादाद ज़्यादा है. मुंबई से ही 500 घटनाओं की रिपोर्ट मिली है. 

-आईपीएस अफ़सर

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महाराष्ट्र को चाइल्ड पॉर्नोग्राफ़ी की जानकारी पिछले महीने दी गई जबकि कई राज्यों को पहले रिपोर्ट भेज दी गई थी. पुलिस ने दिल्ली, गुजरात, केरल में गिरफ़्तारियां भी की हैं.


गृह मंत्रालय के मुताबिक़, इन में से कई मामलों में एफ़आईआर रजिस्टर किए गए हैं और गिरफ़्तारियां भी हुई हैं.  

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एनसीएमईसी एक प्राइवेट एनजीओ है जिसे 1984 में यूएस कांग्रेस ने स्थापित किया था. चाइल्ड एक्सप्लॉयटेशन और अब्यूज़ रोकना इस एनजीओ का मक़सद है.


पिछले साल जून में प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ़्रॉम सेक्शुअल ओफ़ेन्सेस (पॉक्सो) बिल, 2019 में चाइल्ड पॉर्नोग्राफ़ी की परिक्षाषा को विस्तृत किया गया था. अब इसमें विजु़्अल डिपिक्शन को भी संज्ञान में लिया जाता है.