विज्ञान और विज्ञान से जुड़ी चीज़ें आम लोगों के लिए अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं हैं. ऐसा चमत्कार, जो लोगों को दांतों तले उंगलियां चबाने को मजबूर दे. विज्ञान का ऐसा ही करिश्मा अमेरिका के Tennessee में देखने को मिला, जहां पिछले महीने ही 26 साल की एक महिला ने 25 साल की बच्ची को जन्म दिया.

सुनने में ये बहुत ही अजीब और असंभव लगता है, पर वैज्ञानिकों के प्रयोग और डॉक्टर्स की कोशिश से ये असम्भव-सा लगने वाला कारनामा सम्भव हुआ है. CNN की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 26 वर्षीय टीना और उनके पति बेंजामिन गिब्सन दुनिया की सबसे बड़ी नवजात बच्ची के पेरेंट्स बन कर बहुत ख़ुश हैं. टीना को मां बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने Frozen Embryos तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसे 12 अक्टूबर 1992 में संरक्षित किया गया था. इस बारे में टीना का कहना है कि ‘उन्हें इससे कोई फ़र्क नहीं कि ये रिकॉर्ड है या नहीं. मुझे इस बात की ख़ुशी है कि अब मैं भी अपनी बच्ची को मां क प्यार दे सकूंगी.’

Frozen Embryos में IVF तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके अंतर्गत Egg को टेस्ट ट्यूब में संभाल कर रखा जाता है. इस तकनीक में ज़्यादातर मामलों में कामयाबी देखने को मिलती है. ज़्यादातर कपल बच्चे के पैदा होने के बाद Egg को नष्ट करवा देते हैं, जबकि कुछ कपल इसे भविष्य के लिए संरक्षित करवा देते हैं और उन्हें दान कर देते हैं.

टीना के केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. शुरुआत में जब गिब्सनस और टीना अपने बच्चे के लिए Embryo का चुन रहे थे. उससे पहले 300 गुमनाम प्रोफाइल्स को चेक किया गया, जिसे लेकर टीना और गिब्सनस काफ़ी संशय में थे. इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें दूसरे मार्ग के बारे में बताया, जिसके लिए ये कपल राज़ी भी हो गया. इस बच्ची का नाम Emma रखा गया है, जिसके बायोलॉजिकल पेरेंट्स ने कुल तीन Embryos को संरक्षित कराया था.